कोरबा। कोरबा पश्चिम क्षेत्र में स्थापित होने वाली 660-660 मेगावाट की दो इकाइयों कुल 1320 मेगावाट के क्रिटिकल पावर प्लांट के लिए पर्यावरण स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई हुई। इस पर पूर्व केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मेरे अथक प्रयास से तात्कालीन कांग्रेस शासन काल में उक्त पावर प्लांट को स्वीकृति मिली थी। पावर प्लांट बनाने की स्वीकृति होने के कुछ समय बाद आचार संहिता लग जाने के कारण इसकी प्रक्रिया रूक गई थी। जन सुनवाई के साथ आज से इस पर आगे की प्रक्रिया बढ़ रही है और हम उम्मीद करते हैं कि यह तेज गति से आगे बढ़ते हुए इसकी स्थापना समय में होगी। प्रदेश की नवीन सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाए।
श्री अग्रवाल ने नई सरकार से आग्रह किया है कि दोनों इकाईयों में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दे, साथ ही यह भी अपेक्षा है कि पर्यावरण की सुरक्षा पर समुचित कार्यवाही करते हुए राखड़ का उचित निपटान के लिए सार्थक कार्यवाही करेगी। इस महत्वपूर्ण पावर प्लांट में सभी वर्गो के स्थानीय लोगों को योग्यतानुसार रोजगार/नौकरी उपलब्ध कराने पावर कंपनी को निर्देशित करे। पावर प्लांट के आसपास के गांव व बस्तियों में आवश्यक मुलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता पर जोर देना होगा, ताकि अपनी जमीन खोने वाले किसानों को बेहतर जीवन मिल सके।लम्बे अंतराल के बाद दर्री क्षेत्र में नवीन पावर प्लांट की स्थापना से स्थानीय निवासियों को रोजगार सुलभ हो सकेंगे। श्री अग्रवाल ने बताया कि पावर प्लांट की स्थापना मेरी प्राथमिकता में थी और आज जन सुनवाई संपन्न होने के बाद इसका मार्ग प्रशस्त हो गया है और इससे कोरबा की समृद्धि बढ़ेगी और बेरोजगार युवकों को नौकरी/ रोजगार मिलेगा।