अंबिकापुर: राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में 12 फरवरी से 17 फरवरी तक फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह के साथ आज इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. वी. के. सिंह, प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एवं पूर्व डीन इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य रिजवान उल्ला ने की। उद्घाटन समारोह की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके पश्चात महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री संदीप कुशवाहा द्वारा राज्य गीत की प्रस्तुति की गई। तत्पश्चात महाविद्यालय के आई. क्यू. ए.सी. प्रभारी डॉ अनिल सिन्हा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के संयोजक डॉ दीपक सिंह ने पूरे छह दिन के कार्यक्रम पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संबोधन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर वी.के. सिंह ने कहा कि समाज के लिए बेहतर नागरिक तैयार करना ही किसी शिक्षण संस्थान प्रमुख कर्तव्य होता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. रिजवान उल्ला ने कहा कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे निरंतर बदलावों से शिक्षकों का परिचित होना बहुत आवश्यक है। यह फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है।इसके पश्चात कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में रिसोर्स पर्सन के रुप में डायट सरगुजा के पूर्व प्राचार्य डॉ यू. एस. मिश्रा उपस्थित रहे। उन्होंने शिक्षण के विभिन्न स्तरों पर विस्तार से चर्चा की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के लगभग सौ प्रतिभागी ऑनलाइन और ऑफलाइन मध्यम से भाग ले रहे हैं । कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रथम सत्र में डॉ०भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्द्यालय की प्रोफेसर डॉ० शिवानी नाग ने आउटकम डिजाइनिंग और शिक्षण के साथ उसके सम्बंध पर प्रतिभागियों को सारगर्भित जानकारी प्रदान की । दूसरे सत्र में मुजाहिद इस्लाम ने ICT के शिक्षण में प्रयोग और उसके लाभ को समझाते हुये ICT के प्रयोग को व्यवहारिक बनाने पर प्रशिक्षण प्रदान किया।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ उमेश कुमार पांडेय तथा धन्यवाद ज्ञापन विनीत कुमार गुप्त ने किया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ सहित शहर के अन्य महाविद्यालयों के स्टाफ भी उपस्थित रहे ।