अम्बिकेश गुप्ता

कुसमी। बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत चैनपुर में 15वें वित्त योजना में भ्रष्टाचार का आरोप ग्रामीणों ने लगाया था। जिस संबंध में जनपद पंचायत कुसमी को विगत दिनों आवेदन सौंप कर कार्यवाही की मांग भी की थी। यह मामला अख़बार की सुर्खियों में आने के बाद जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ ने तत्काल जांच हेतु तीन सदस्यीय टीम का गठन कर मामले में जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपने हेतु निर्देशित किया था।



ज्ञात हो कि बिना नाली बनाये राशि का आहरण ग्राम पंचायत चैनपुर के सरपंच सचिव द्वारा 15वें वित्त योजना तहत वर्ष 2022-23 में किया। जिन दो जगह पर नाली निर्माण के नाम पर राशि आहरण किया गया है, उसमें पहला नाम भेड़ापानी स्टॉप डैम से महेश के घर तक नाली निर्माण तथा दूसरा स्थल है दोमुहान स्टाप डेम से बलारी तक नाली निर्माण बताया गया था। जिसके लिए 12 मार्च 2023 को आशीष ट्रेडर्स के नाम बिल नंबर xvfc/2022-23/p/21 से 97,000 तथा बिल नंबर xvfc/2022-23/p/22 से 96,000 रूपये का भुगतान किया जाना बताया गया है। जबकि कार्यस्थल पर एक भी कार्य नहीं किया गया था। ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

जांच टीम ने आरोप पाया सही

15वें वित्त योजना में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची टीम के सदस्यों महेशराम बुनकर करारोपण अधिकारी ललित घरड़े, विकास विस्तार अधिकारी ने ग्राम पंचायत चैनपुर पहुंच कर कार्य स्थल का निरीक्षण किया। जहां पर ग्रामीणों द्वारा लगाये गए आरोप सही पाये गये। जांच के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण भी उपस्थित थे, ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा की यहां पर केवल कच्ची नाली है जो हमारे द्वारा 7-8 साल पहले बनाया गया है और ऐसे कच्ची नाली का निर्माण श्रमदान से ही कर लेते हैं। वहीं यदि एक बार के लिए ग्रामीणों के आरोप को अस्वीकार कर भी दें तो सवाल यह उठता है कि सरपंच-सचिव ने जिस आशीष ट्रेडर्स को लगभग 2 लाख रुपये का भुगतान किया वह किस कार्य के लिए किया। पक्की नाली बनने के एवज में सामग्री क्रय हेतु भुगतान सम्भव है, लेकिन कच्ची नाली हेतु भुगतान ग्रामीणों के आरोप को पुख्ता करता है। जांच हेतु पहुंची तीन सदस्यीय टीम ने ग्रामीणों के आरोप को जांच में सही पाया है और जल्द ही जांच रिपोर्ट जनपद सीईओ के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही है।

भ्रष्टाचार ऐसा की सारी सीमायें पार

ग्राम पंचायत चैनपुर के सरपंच-सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं पार कर दी है, ऐसा लगता है इनको शासन-प्रशासन तथा नियम-कायदों से कोई खौफ नहीं है। तभी तो रिश्तेदार के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बिना कार्य करवायें 15वें वित्त मद की राशि का आहरण कर राशि गबन कर लिया। जिस आशीष ट्रेडर्स के नाम पर भुगतान किया गया है, उस नाम से कोई भी व्यवसायिक फर्म आसपास कहीं भी नहीं है, जो सीधे-सीधे फर्जी तरिके से एक व्यवसायिक फर्म के निर्माण और भुगतान की ओर इशारा करता है।

जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होगा जल्द

जांच हेतु ग्राम पंचायत पहुंची जनपद सीईओ द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम जिनमें महेशराम बुनकर, करारोपण अधिकारी, ललित घरड़े, विकास विस्तार अधिकारी एवं अमरिश यादव, उप अभियंता हैं, उन्होंने कहा कि जांच पूर्ण हो गया है, कार्य स्थल पर कोई भी कार्य प्रमाणित नहीं हुआ, ग्रामीणों का आरोप सही है। जल्द ही जांच रिपोर्ट अधिकारी के समक्ष पेश करेंगे। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।

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