![21_04_2024-ugc_23701725](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/04/21_04_2024-ugc_23701725.webp?resize=696%2C392&ssl=1)
नई दिल्ली। चार वर्षीय स्नातक कोर्स कर रहे या फिर करने जा रहे विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब वह इस कोर्स को करने के बाद सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकेंगे और यूजीसी नेट के लिए आवेदन भी कर सकेगे। उन्हें इसके लिए अब परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि पीएचडी में दाखिले के लिए उन्हें चार वर्षीय स्नातक कोर्स में कम से कम 75 प्रतिशत अंक या फिर उसके समकक्ष ग्रेड हासिल करना होगा।
कब से लागू होगी व्यवस्था?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शुरू किए गए चार वर्षीय स्नातक कोर्सों की ओर विद्यार्थियों के रुझान को बढ़ाने के लिए यह अहम कदम उठाए हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के अनुसार, यह व्यवस्था इसी वर्ष से लागू हो जाएगी।
इन छात्रों को मिलेगी छूट
इस दौरान एससी, एसटी, ओबीसी (नान-क्रीमी लेयर), दिव्यांगजनों और ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों को पीएचडी के दाखिले में पांच प्रतिशत या उसके समकक्ष ग्रेड की छूट भी मिलेगी। इसके साथ चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे यूजीसी नेट के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। इनमें ऐसे छात्र भी आवेदन कर सकेंगे जोकि चार वर्षीय स्नातक कोर्स के अंतिम वर्ष में होंगे।
आवेदन के दौरान विषय करने होंगे तय
आयोग ने इसके साथ ही चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले छात्रों को एक और बड़ी राहत दी है। यूजीसी नेट के लिए उन्हें विषयों की बाध्यता से छूट दे दी है। यानी अब वह कोई भी विषय चुन सकेंगे। उनके लिए अब इसकी अनिवार्यता नहीं होगी कि स्नातक में उन्होंने जो विषय पढ़े हैं, उनका ही चयन करना है। हालांकि उन्हें आवेदन के दौरान विषय तय करने होंगे।