नई दिल्ली। मई में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने और उत्तर के मैदानों, मध्य क्षेत्र व प्रायद्वीपीय भारत से लगते इलाकों में लू चलने के दिनों की संख्या अधिक रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि पांच सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के कारण अप्रैल में नियमित अंतराल पर उत्तर एवं मध्य भारत में वर्षा व ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष अप्रैल में लू की स्थिति 2023 की तुलना में अधिक खराब थी जो अब तक सबसे गर्म वर्ष था।
इन राज्यों में 8 से 11 दिन चलेगी लू
महापात्र ने कहा कि यह रुझान मई में भी जारी रहने की संभावना है और दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात में 8 से 11 दिन लू चलेगी। राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाकी क्षेत्रों और छत्तीसगढ़, अंदरूनी ओडिशा, गंगा तटीय बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक व तेलंगाना में इस माह पांच से सात दिन लू चलने की संभावना है।
देश के अधिकांश हिस्सों में बढ़ेगा तापमान
सामान्य तौर पर मई में उत्तर के मैदानों, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत से सटे इलाकों में लगभग तीन दिन लू चलती है। विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश इलाकों, उत्तर पश्चिम भारत व मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वोत्तर इलाके से सटे क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
पूर्वोत्तर व उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों, गंगा तटीय मैदानों और मध्य भारत को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि मई में देश में सामान्य वर्षा (दीर्घकालिक औसत का 91 से 109 प्रतिशत) का अनुमान है।
इन इलाकों में होगी झमाझम बारिश
उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश इलाकों और मध्य, प्रायद्वीपीय व पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में सामान्य और उससे अधिक वर्षा होने की संभावना है। देश के बाकी इलाकों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।विभाग ने बताया कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अप्रैल में औसत अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 1901 के बाद दूसरा अधिकतम तापमान है। जबकि पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल में औसत तापमान (28.12 डिग्री सेल्सियस) 1901 के बाद से अधिकतम रहा।
महापात्र ने कहा कि 1980 के बाद से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान आम हो गया है। इस क्षेत्र में अप्रैल में 12.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जो 1901 के बाद पांचवीं सबसे कम और 2001 के बाद दूसरी सबसे कम वर्षा थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में लू के दिनों की संख्या गंगा तटीय बंगाल में 15 वर्ष और ओडिशा में नौ वर्ष में सबसे अधिक थी। ओडिशा में 2016 के बाद से अप्रैल में सबसे लंबे समय तक लू (16 दिन) का भी अनुभव हुआ।