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सुकमा: नक्सलियों की दक्षिण सब ज़ोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने बीजापुर दंतेवाड़ा और सुकमा में 26 मई को बंद को लेकर एक और प्रेस नोट जारी किया।सरकार पर लगाया बस्तर में नरसंहार करने का आरोप जिसके विरोध में बंद का किया आह्वान किया है।
उन्होंने प्रेस नोट में कहा कि दंडकारण्य के दक्षिण सब जोन ब्यूरो के अंतर्गत जनवरी से अभी तक ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवादी भाजपा के केंद्र-राज्य सरकारों के प्रतिक्रांतिकारी सूरजकुंड रणनीतिक योजना के तहत ऑपरेशन कगार दमन अभियानों को अंजाम दे रहे हैं. इन धोके बाजी हमलों को बहादूराना ढंग से मुकाबला करते हुए हमारी पार्टी, पीएलजीए एवं क्रांतिकारी जनता ने अपने प्राणों को बलिदान दिए इन 62 लोगों को हमारी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो सिर झुकाकर विनम्रतापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उन शहीदों के सभी परिवारजनों को शोक संवेदना व्यक्त करता है. नवजनवादी समाज के लिए दिए गए बलिदानों को हम व्यर्थ नहीं होने देंगे, शहीदों के अधूरा आशयों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ेंगे,
केंद्र में मोदी (भाजपा) सरकार, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय (भाजपा) सरकार सत्ता पर आने के बाद अपने ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवादी एजेंडे के अनुसार राज्य में अपनी कठपुतली आदिवासी मुख्यमंत्री के हाथों में आदिवासियों की हत्याए करवा रही है. माओवादी पार्टी को उन्मूलन करने की दुष्ट लक्ष्य के साथ कई वारदात को अंजाम दे रही है. हमारी पार्टी के नेतृत्व में जारी क्रांतिकारी आंदोलन, खासकर जन राज्यसत्ता (जनताना सरकार) को खत्म करने और इन आदिवासी बहुल वन इलाकों की प्राकृतिक संपदाओं, -जल, जंगल, जमीन, इस धरती पर निक्षिप्त खनिज संसाधनों को देश-विदेशी कॉरपोरेट कंपनियों ने कौड़ियों के भाव से लूटने के लिए पूरे बस्तर संभाग एवं आदिवासी बहुल इलाकों को कारपोरेटीकरण व सैन्यकरण कर, हमारी पार्टी, पीएलजीए बलों, जनताना सरकारों एंव जनता के ऊपर यह भीषण ऑपरेशन कगार” हमले करवा रही है. बीजापुर जिले में और एक बार यानी 10 मई, 2024 को पीड़िया गांव में केंद्र एवं राज्य सरकारों के निर्देश पर राज्यों के पुलिसबल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ), कोबरा, डीआरजी, बस्तर फाइटर्स के (बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा इन तीन जिलों के लगभग 1200 सशस्त्र बल) बलों ने संयुक्त रूप से एक बड़ा घटना को अंजाम दिया गया. इस भीषण झूठी मुठभेड़ व नरसंहर को पुलिस बलों ने हमेशा की तरह सच्चाई को छुपाते हुए बास्तविकता को बदलकर 12 घंटों तक बली मुठभेड में सुरक्षा बलों ने बहादूरी से लड़ते हुए 12 माओवादियों (निर्दोष आदिवासियों) को मार गिराने व बड़ी मात्रा में हथियार (भरमार) और विस्फोटक बरामद करने का मनगढंत कहानियां उनकी गोदी मीडिया द्वारा प्रचार की गई।वास्तव में इस घमासान पुलिस हमले के समय में हमारे साथी कामरेड कल्लू और कामरेड बूधु वे (कंपनी 2. पार्टी सदस्य) दोनों बीमार अवस्था के कारण गांव में ही निहत्थे व सिविल में रहे थे, तब पुलिस गुंडों ने पकड़कर पीट-पीटकर क्रूर पातना देते हुए गोली मारकर हत्या किया. साथ में 10 निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों को भी कत्लेआम किए।
इस प्रेस विज्ञप्ति के सामने आने के बाद से सुरक्षाबल अलर्ट पर है। क्यों कि बंद के दौरान नक्सली बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
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