रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ा दी हैं, प्रति यूनिट 20 पैसे की वृद्धि की की गई है। आयोग ने 20.45 प्रतिशत के स्थान पर औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने 4420 करोड़ रुपये का घाटा बताया था। इसलिए 20.45 प्रतिशत वृद्धि होना प्रस्तावित था। इसमें सरकार ने 1000 करोड़ रुपये अनुदान दिया। इसके बाद 8.35 प्रतिशत सभी श्रेणी में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा और सदस्य प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में विद्युत दरों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्षों के राजस्व घाटा तथा राजस्व आधिक्य पर विचारोपरान्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ रुपए के स्थान पर 24594 करोड़ रुपए मान्य किया गया है।
इसी तरह से वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है। इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4420 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 2819 करोड़ रुपए को मान्य किया गया है।
राज्य शासन ने वितरण कंपनी के सकल राजस्व घाटा को कम करने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1000 करोड रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा करने का निर्णय लिया गया है। फलस्वरूप वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रचलित दरों से 1819 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुमानित है। राज्य वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका के विश्लेषण से राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति हेतु औसत 20। 45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी, परंतु राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति तथा आयोग द्वारा विचारोपरान्त सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8। 35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है।
औसत विद्युत प्रदाय दर एवं औसत विद्युत बिलिंग दर
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर (Average cost of supply) 6। 92 प्रति यूनिट रुपए अनुमानित की गई है। आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों एवं राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी के घाटे की प्रतिपूर्ति के फलस्वरूप औसत विद्युत बिलिंग दर 6। 92 पैसे रुपए अनुमानित है, जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है। तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 8। 35 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है।
वर्तमान आदेश के मुख्य बिन्दु
- घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
मांग एवं उपलब्ध विद्युत उत्पादन के विश्लेषण उपरान्त TOD की संरचना में परिवर्तन किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिन्ट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा (Green Energy) क्रय करने हेतु इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का निर्धारण किया गया है।
रेलवे के टैक्शन लोड हेतु लागू 20 प्रतिशत की लोड फैक्टर रिबेट को समाप्त कर दिया गया है।
HV-5 एवं LV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
जारी की जा रही नई विद्युत दरें जो कि संलग्नक-1 और संलग्नक-2 में उपलब्ध हैं। 1 जून, 2024 से प्रभावशील होंगी।
कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता
- गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी।
- किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था
- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
गैर घरेलू उपभोक्ता
- पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू। 6। 92/- प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।
- महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
- राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01। 04। 2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को 25 प्रतिशत किया गया है।
निम्नदाब उद्योग
- निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है।
उच्चदाब उपभोक्ता
रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है।
उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों, पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं लागू लोड फेक्टर रिबेट में परिवर्तन करते हुए लोड फैक्टर रिबेट की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत निर्धारित की गई है।