बलरामपुर: आगामी बरसात के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर रिमिजियुस एक्का के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह की अध्यक्षता एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक स्मृति एक्का की उपस्थिति में सर्पदंश के मरीजों के इलाज हेतु जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारियों एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में डॉ. धीरज देशमुख, डीएनबी फैमिली संगवारी क्लिनिक सरगुजा द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें सर्पदंश से बचाव का तरीका एवं उपचार के लिए स्नेक एंटी वेनम जरूरी बताया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया है कि मानसून में सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि हो जाती है। बाढ़ जैसी स्थिति होने के बाद आवासीय क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में सांप दिखाई देने लगते हैं, जिस कारण सर्पदंश के प्रकरण में वृद्धि होती है। जिससे बचाव हेतु जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई गयी है।
सर्पदंश पर बचाव के उपाय
जमीन में न सोयें, पलंग पर मच्छरदानी लगाकर चारो तरफ अच्छे से मच्छरदानी को दबा कर सोयें, पलंग या चारपाई को दीवाल से न सटाए न ही पलंग से कोई सामान सटा कर रखें, अपने सोने वाले रूम में छोटे जीव जन्तु जैसे चिड़िया, खरगोश, मुर्गियां आदि न रखें, ना ही घर में चूहे होने दें। रात्रि को शौच आदि निकलने पर रोशनी का इस्तेमाल करें, जहां दिखाई न देता हो वहां हाथ पाव न डालें, खेत बाडी में काम करते समय विशेष रूप से सावधानी बरतें। यदि किसी व्यक्ति को सांप काटता है तो सर्पदंश के बाद मरीज को हिम्मत दंे, डराए नहीं, मरीज के डरने से बीपी बढ़ेगा जिससे सांप का जहर तेजी से फैलेगा। मरीज को स्थिर लिटा दें, मरीज को किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं करने दें। साथ ही बिना देरी किए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में मरीज को लेकर जाएं और चिकित्सक को सूचित करें। जिससे चिकित्सक द्वारा त्वरित उपचार हेतु मरीज को एंटी स्नेक वेनम देते हुए स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कर इलाज किया जाता है।