मुंबई: प्रचंड गर्मी के बीच सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान मरने वालों में 58 भारतीय जायरीन भी शामिल हैं। मरने वालों की उम्र 60 और उससे अधिक है। भारत के कुछ लोग लापता भी हैं। उनकी तलाश जारी है। हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लियाकत आफाकी ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा है कि उम्मीद है कि उनमें से अधिकांश सुरक्षित हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि सभी हज पूरा कर सुरक्षित भारत पहुंचें। सऊदी अरब में तापमान 52 डिग्री के करीब है। इस बीच, हज यात्रा पर गए भारतीयों ने बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है।
उन्होंने पानी की गंभीर कमी, अपर्याप्त आवास, परिवहन सेवा की कमी और खिदमत के लिए गाइड की अनुपस्थिति सहित अन्य शिकायत की है। मुंबई निवासी सोहेल रोकाडी ने कहा कि पांच लोग हज के लिए गए थे। हमसे प्रति व्यक्ति 3.20 लाख रुपये लिए गए, लेकिन सुविधाएं नहीं थीं। जहां ठहराया गया वह अस्त-व्यस्त पड़ा था।
आगे कहा कि वहां पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। हमलोगों के साथ अनजान लोगों को भी ठहराया गया। हमें सुबह से शाम तक बस का इंतजार करना पड़ा। अन्य देशों के लिए एसी बसें थीं पर हमें स्कूल बसें उपलब्ध कराई गईं। बस ने हमें 10 किलोमीटर दूर उतार दिया। हमें चिलचिलाती गर्मी में पैदल चलना पड़ा। टोल फ्री नंबर पर भी फोन नहीं लग रहा था।
वहीं, 32 वर्षीय फहद हिंगवाला ने कहा कि छोटे देशों की ओर से उपलब्ध होटल, टेंट और अन्य सुविधाएं भारत की तुलना में बेहतर थीं। जानबूझकर दूसरे लोगों को हमारे परिवार के साथ ठहराया गया। हालांकि, हज समिति ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
हज समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लियाकत आफाकी ने कहा कि हमने उचित व्यवस्थाएं कीं। आवास की शिकायतें थीं, लेकिन उसे ठीक करा दिया गया। बड़ी संख्या में एक समय फोन लगाने पर टोल फ्री नंबर लगने में असुविधा हो रही होगी।