रायगढ़: नेशनल हाईवे कांशीराम चौंक पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। दुर्घटनाओ के कारण अखबारों में इस चौंक को डेथ जोन और ब्लैक स्पॉट के नाम से भी कई खबरें प्रकाशित हो चुकी है। यहां हाईवे से लगी महिंद्रा गोदाम , साल्वेट और कई ट्रांसपोर्ट की संचालित हैं। इन ट्रांसफोर्ट और गोदामों में प्रतिदिन कई दर्जन भारी वाहनों का आवागमन लगा रहता है। जिनमे ज्यादातर सीमेंट लोड गाडियां होती हैं। ये भारी वाहन हाईवे सड़क पर ही गाडियां खड़ी कर अनलोड होने तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं जबकि इन ट्रांसपोर्ट और गोदामों के अंदर भी गाडियों को खड़ी करने की पर्याप्त व्यवस्था है।
बरसात के दिनों में सीमेंट लोड गाडियां 2 से 3 तक भी खड़ी रहती हैं क्योंकि बारिश होने पर गोदामों में सीमेंट खाली नहीं कराया जाता है। इस डेथ जोन की खबरों में सुर्खियां बनने के बाद यातायात विभाग के उच्चाधिकारीयो के दिशा निर्देश पर इस ब्लैक स्पॉट पर नो पार्किंग का फ्लेक्स लगाया गया था लेकिन बड़ी विडंबना है कि नो पार्किंग में सुबह से देर रात तक दर्जनों भारी वाहनें बेतरतीब ढंग से खड़ी रहती है। इस ब्लैक स्पॉट में खड़ी भारी वाहनें दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं। यहां यातायात सिग्नल भरोसे है और कोई भी विभागीय नुमाइंदे कांशीराम चौंक पर नियमित सेवाए नहीं देते हैं। इस व्यस्ततम हाइवे पर खड़ी भारी वाहनों से सड़क संकरी हो जाती है, जिससे राहगीरों को बहुत परेशानियां होती है। राहगीर जान हथेली पर रख विपरीत दिशा से आवागमन करने पर मजबूर हैं।
यातायात के सुस्त रवैये के कारण ट्रांसपोर्टरों की मनमानी चरम पर है इन ट्रांसपोर्टर के द्वारा बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े करने की वजह से आय दिन सडक दुर्घटना होती है समय रहते विभाग कार्यवाही नहीं करती तो आने वाले दिन और भयावह होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।