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कोरबा, पीटीआइ। कुसमुंडा रेलवे साइडिंग पर 28 नवंबर की रात हुए गोली कांड के साजिशकर्ता को गिरफ्तार करने में कोरबा पुलिस को सफलता हासिल हुई है। दरअसल डीजल चोरी गैंग से जुड़े एक पुराने हिस्ट्रीशीटर ने अपने विरोधी को निपटाने के लिए गोलीकांड की फर्जी स्क्रिप्ट तैयार की थी। जिसमें मुख्य साजिशकर्ता साजिद खान ने अपने दोस्त गोपू पांडे के साथ मिल कर गैंग के पुराने साथी मूलतः बिहार हलमुकाम बिलासपुर निवासी सुमित चौधरी को जांघ पर गोली खाने को तैयार किया था। जिसके बाद साजिशकर्ता ने अपने शार्गिद मुस्तकीम उर्फ मुस्सू को एक लाख की सुपारी देकर गोली चलाने के लिए राजी कर लिया। प्लानिंग के मुताबिक सब कुछ करने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। साजिशकर्ता साजिद खान ने बड़ी चालाकी से अशरफ खान,राजा खान और अभिषेक आनंद को फंसाने की स्क्रिप्ट तैयार की थी।
योजना के मुताबिक घटना दिनांक 28 नबंबर की रात करीब 10:30 बजे साजिशकर्ता के कहने पर सुमित चौधरी ने पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल को फोन के माध्यम से सूचित किया गया कि कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास आरोपीगण अशरफ खान, राजा खान एवं अभिषेक आनंद ने से जान से मारने की नीयत से गोली मार दी है जो उसके जांघ पर लगी है। किसी तरह वो अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला। सूचना में पुलिस अधीक्षक ने तत्काल थाना प्रभारी कुसमुंडा निरीक्षक लीलाधर राठौर, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू एवं सर्वमंगला चौकी प्रभारी सहायक उप निरीक्षक विभव तिवारी को मौके पर भेजा और घायल को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया। सुमित चौधरी के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले के आरोपीगण को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। सुमित चौधरी की रिपोर्ट पर थाना कुसमुंडा में आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 569/2021में धारा-307,34,25,27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया गया। पुलिस ने सुमित के बताए गए घटनाक्रम घटनास्थल का निरीक्षण ,चिकित्सकीय रिपोर्ट, बैलेस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट एवं अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर जांच शुरू की तो प्रारंभ से ही लग रहा था कि मामला झूठा है। पुलिस को पहले ही दिन से शक था कि सुमित चौधरी किसी बड़ी साजिश के तहत मामले में नामजद आरोपियों को फंसाने की साजिश रचा रहा है। मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी भोजराम पटेल ने मामले की जानकारी पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी को देकर उनसे मार्गदर्शन मांगा। पुलिस महानिरीक्षक से प्राप्त दिशानिर्देश के अनुसार एसपी मामले के सच्चाई का खुलासा करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री सुश्री लितेश सिंह के पर्यवेक्षण में विशेष टीम का गठन किया गया एवम सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच के निर्देश दिए गए।जांच के दौरान पता चला कि सुमित चौधरी के पास एक लाल रंग की कार है जिसमें वह हमेशा आना-जाना करता है। लेकिन घटना दिनांक को वह बुलेट से बिलासपुर जा रहा था, साथ ही कुसमुंडा थाना से नजदीक होने के बावजूद थाना न जाकर सीधे पुलिस अधीक्षक को फोन लगाकर सूचना देना, बिना काम के बिलासपुर जाते समय घटना स्थल पर जाने की आवश्यकता क्यों हुई..आदि कई बिंदुओं पर पुलिस ने अपनी जांच में शामिल किया।पुलिस ने आगे जांच शुरु की तो पता लगा कि इस मामले में जिन आरोपीगण को नामजद किया गया है वे लोग घटना समय कहीं और थे जिसका प्रामाणिक तकनीकी साक्ष्य उपलब्ध है। तब पुलिस के सामने साफ हो गया था की सुमित ने सोची समझी रणनीति के तहत गहरी साजिश रची है। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि सुमित चौधरी सिर्फ मोहरा है,पर्दे के पीछे कोई और है। जांच के दौरान पुलिस ने सुमित चौधरी की जान पहचान एवं दोस्तों का पता लगाना शुरू किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस को पता चला कि सुमित चौधरी पूर्व डीजल माफिया साजिद खान एवं गोपू पांडेय के गैंग का मेंबर है। साथ ही रायपुर जेल में बंद चीना पांडेय का मुख्य शागिर्द है। वो घटना के दिन से ही चीना पांडेय के मोबाइल के उपयोग कर रहा है। पुख्ता शक के बाद पुलिस ने पूरे गैंग के लोगों का कुंडली खंगाला गया। साथ ही सुमित चौधरी के साथ घटना के समय मौजूद रहे दूजराम साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की। पुलिस के सामने दूजराम बार-बार अपना बयान बदल रहा था एवं बयान देने में घबरा रहा था,जिससे पुलिस का शक और पुख्ता हुआ।इसी दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि घटना दिनांक को सुमित चौधरी, दूजराम राम साहू के साथ मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू को भी देखा गया था। इस आधार पर मुस्तकीम खान को हिरासत में लेकर दूजराम साहू और मुस्तकीम खान से एकसाथ पूछताछ की गई। पुलिस की पूछताछ एवं तकनीकी साक्ष्यों के आगे गवाह दूजराम साहू और आरोपी मुस्तकीम खान ज्यादा देर तक टिक नहीं सके और सच्चाई बयां कर दी।पूछताछ में मौके के गवाह दूजराम साहू एवं आरोपी मुस्तकीम खान ने जो कहानी बताई वह काफी चौंकाने वाली निकली। दूजराम और मुस्तकीम ने पुलिस को बताया कि कि पूर्व में साजिद खान अपने साथियों के साथ मिलकर कुसमुंडा दीपका खदान में डीजल चोरी करता था। जो पिछले 4. 5 महीनों से बंद है। जिससे साजिद खान बौखलाया हुआ था। अशरफ खान, राजा खान और अभिषेक आनंद से साजिद खान का पहले का लेनदेन है, जिसे अशरफ नहीं दे रहा था। इसलिए, साजिद खान ने अपने साथी गोपू पांडेय, कमल अग्रवाल, कोमल पटेल,कालीचरण,गौरव ठाकुर,अभिषेक, सुमित चौधरी,मुस्तकीम उर्फ मुस्सू के साथ मिलकर इस साजिश को रचा। जिसमें यह तय हुआ था कि अशरफ खान, राजा खान एवं अभिषेक आनन्द के खिलाफ कोई संगीन जुर्म लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया जाए और फिर ब्लेकमेल कर रकम की मांग की जाए। साजिद खान और गोपू पांडेय ने तय किया कि हत्या के प्रयास के मामले में फंसाया जाए ताकि लंबे समय तक ये लोग जेल में रहे और केस में समझौता करने के लिए 20 लाख रुपए मांगा जाए।योजना के अनुसार सुमित को गोपू पांडेय ने बताया कि जांघ में गोली लगने से कोई खास नुकसान नहीं होता है,फिर शातिर बदमाश चीना पांडेय के शागिर्द सुमित चौधरी इसके लिए राजी किया गया। अब समस्या गोली मारने वाले की थी। जिसके लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था, तब गोपू पांडेय ने इस काम के लिए मुस्तकीम उर्फ मुस्सू को1 लाख रुपए सुपारी देकर तैयार कर लिया ओर अपने पास रखी पिस्टल को सुमित चौधरी को दिया। तय शुदा प्लान के अनुसार सुमित चौधरी, दूजराम साहू और मुस्तकीम 27 नवंबर की रात को कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास पहुंचे, किंतु उस दिन सुमित चौधरी अपने जांघ में गोली मरवाने की हिम्मत नहीं कर सका और सभी लोग वापस आ गए। इस बात की जानकारी होने पर गोपू पांडेय ने धमकाते हुए कहा कि तुझे गोली खाना ही पड़ेगा भाई का काम है नहीं तो साजिद भाई नाराज हो जाएगा। दूसरे दिन 28 नवबंर को सुमित चौधरी और दूज राम साहू दोबारा एक बुलेट मोटरसाइकिल में कोरबा से कुसमुंडा रेलवे साइडिंग पहुंचे और मुस्तकीम अपनी मोटरसाइकिल लेकर कुसमुंडा रेलवे साइडिंग पहुंचा। रात करीब 9:30 बजे मुस्तकीम खान ने सुमित चौधरी के जांघ में गोली मार दी और वहां से भाग निकला। और भागते समय अपनी पिस्टल वहीं फेंक दिया । घटना के बाद मुस्तकीम ने फोन कर गोपू पांडे को बताया कि भाई काम हो गया है। इसके बाद सुमित चौधरी प्लान के अनुसार अपने साथी दूजराम साहू के साथ बुलेट में बैठकर सर्वमंगला पुल के पास आया और वहीं से पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को फोन लगाकर गोली कांड की फर्जी कहानी बता दी।पुलिस में मामले में गवाहों की बयान के बाद गोलीकांड की साजिश रचने के आरोप में मुस्तकीम उर्फ मुस्सू खान ,सुमित चौधरी को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त पिस्टल और खाली कारतूस बरामद कर लिया है। मामले में अन्य आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने विवेचना टीम को 10 हजार रुपए नगद इनाम देने की घोषणा की है। इस मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी कुसमुंडा निरीक्षक लीलाधर राठौर, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक रामेन्द्र सिंह, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू,प्रआर कृपा शंकर दुबे, आरक्षक वीरेंद्र पटेल, विकास कोसले, योगेश राजपूत, बिपिन बिहारी नायक,गौरव चंद्रा,आकाश वर्मा,विशाल वर्मा,महेंद्र चंद्रा, शीतल राज, दुष्यंत कंवर एवम पुष्पेंद्र पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।