रायपुर:  महामानव कार्तिक स्कूल द्वारा गैरकानूनी ढंग से संचालित छात्रावास में रह रहे बच्चों की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा छात्रावास संचालकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की गई। अनुविभागीय दंडाधिकारी जशपुर के नेतृत्व में दीपू बगीचा स्थित नियम विरुद्ध संचालित छात्रावास पर कड़ी कार्रवाई की गई। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने पाया कि छात्रावास बिना अनुमति के संचालित किया जा रहा था, और यहां कई गंभीर अनियमितताएं भी मौजूद थीं। अनुविभागीय दण्डाधिकारी संस्कृति कला केंद्र दीपू बगीचा में जांच के दौरान पाया की यहां पर संस्कृति कला केंद्र और राजी पड़हा में दो भवन निर्मित है। उक्त भवन में महामानव कार्तिक उरांव विद्यालय राजी पड़हा टिकैटगंज में संचालित स्कूल के बच्चों के लिए छात्रावास के रूप में संचालित किया जा रहा था।

निरीक्षण में पाया गया कि इस छात्रावास में 3 से 14 वर्ष की उम्र के 27 बच्चे छात्रावास में मौजूद थे। इनमें से 3 बच्चों की हालत गंभीर थी, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया। इसके अलावा, चिरायु टीम द्वारा किए गए स्वास्थ्य परीक्षण में 15 बच्चों को कुपोषित और एक बालिका को एनिमिक भी पाया गया। प्रशासन ने सभी बच्चों को रेस्क्यू कर शासकीय छात्रावास में शिफ्ट किया और छात्रावास भवन को लॉक कर उसकी चाबी नगर पालिका को सौंप दी गई। जांच में यह भी पाया गया कि बालक-बालिकाओं को एक ही कमरे में रखा गया था और साफ-सफाई सहित अन्य सुविधाओं का अत्याधिक अभाव था।

निरीक्षण में पाया गया कि छात्रावास में बच्चों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता भी संदिग्ध पाई गई, और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य संबंधी कोई भी व्यवस्था नहीं थी। साथ ही, फायर सेफ्टी और सुरक्षा के अन्य इंतजामों का भी यहां पर पूर्णतः अभाव था। इस कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, नगर पालिका, श्रम विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी तथा समाज के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।

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