अंबिकापुर : छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र साहू ने सरगुजा संभाग में बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता अभियान की आवश्यकता पर बल दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में बाल विवाह के खिलाफ दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद साहू ने कहा कि इससे बाल विवाह की घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह से बच्चों के अपने जीवनसाथी चुनने के अधिकार का हनन होता है और यह गंभीर सामाजिक अपराध है।

छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान, जो पिछले 32 वर्षों से सरगुजा संभाग में सामाजिक कार्य कर रही है, कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर बाल अधिकारों, मानव व्यापार, और बाल विवाह के खिलाफ लगातार जन-जागरूकता अभियान चला रही है। साहू ने कहा कि अब, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, केंद्र और राज्य सरकारों को बाल विवाह रोकने के लिए सख्त रणनीति बनानी होगी और बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी पड़ेगी।

साहू ने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की घटनाएं अधिक होती हैं, इसलिए जनप्रतिनिधियों, पंडितों, टेंट और भोजन सेवा प्रदान करने वालों को यह जानकारी दी जाएगी कि बाल विवाह अपराध है और इसके दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान पूरे राज्य में फिर से जनजागरूकता अभियान शुरू करेगी ताकि बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाई जा सके।

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