बीजापुर: माओवादियों के भेदभावपूर्ण व्यवहार, जीवनशैली और विचारधारा से त्रस्त होकर छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित 5 माओवादियों ने बीजापुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 5 लाख के इनामी एसीएम सदस्य सुशीला उर्फ बुज्जी सहित अन्य चार माओवादी शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारियों ने माओवादियों को आत्मसमर्पण के बाद प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक और बीजापुर सेक्टर के केरिपु ऑप्स के उप पुलिस महानिरीक्षक के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत यह आत्मसमर्पण हुआ। डीआरजी, बस्तर फाइटर, और केरिपु बल के संयुक्त प्रयासों से माओवादी अपने संगठन की विचारधारा और अन्यायपूर्ण व्यवहार से परेशान होकर छत्तीसगढ़ शासन की “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रेरित हुए। इस योजना ने उन्हें शांति और पुनर्वास की राह पर आने के लिए प्रेरित किया।
आत्मसमर्पण के बाद सभी माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। पुलिस अधिकारियों ने इन माओवादियों को शांतिपूर्ण जीवन में लौटने और समाज के पुनर्निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। 2024 में अब तक 185 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 411 माओवादी विभिन्न घटनाओं में गिरफ्तार किए गए हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी
1.सुशीला उर्फ बुज्जी उर्फ विमला हेमला – 2009 में संगठन में शामिल हुईं और विभिन्न महत्वपूर्ण माओवादी गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें पुलिस पर हमले और कई मुठभेड़ शामिल हैं।
2. सुखराम मोड़ियाम- 2008 में संगठन में शामिल हुए और कई घटनाओं में शामिल रहे, जिनमें पुलिस पर हमले और बड़े पैमाने पर माओवादी गतिविधियां शामिल हैं।
3. सुददू कोरसा- 2009 में संगठन में भर्ती हुए, और कई बार पुलिस को नुकसान पहुँचाने के प्रयास किए।
4.लक्खू फरसा – 2015 से संगठन का हिस्सा रहे और कई मुठभेड़ और सुरक्षा अवरोधों में शामिल रहे।
5. सन्नू माड़वी- 2008 से संगठन का हिस्सा बने और विभिन्न आईईडी बम लगाने की घटनाओं में शामिल रहे।