नई दिल्ली। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तीन से चार दिनों में तापमान में गिरावट होने लगेगी, किंतु ऐसा एकाएक नहीं होगा। तापमान धीरे-धीरे गोता लगाएगा। फिर भी अगले एक सप्ताह के दौरान ठंड का अहसास नहीं होगा। मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, क्योंकि अभी भी अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान औसत से दो से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है।

नवंबर महीने में बारिश और तापमान का अनुमान जारी करते हुए मौसम विभाग (आइएमडी) ने कहा है कि अगले हफ्ते से तापमान में गिरावट प्रारंभ होगी। पहले धीरे-धीरे गिरकर सामान्य स्तर पर आएगा। फिर सामान्य से नीचे आएगा। उसके बाद ही ठंड की दस्तक होगी।

आइएमडी के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्रा ने इस बार अधिक ठंड पड़ने की आशंकाओं को फिलहाल खारिज किया है। प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा है कि प्रशांत महासागर में अभी तक ला-नीना की स्थिति नहीं बन पाई है। यदि दिसंबर तक बनती है तो जनवरी में अत्यधिक ठंड पड़ सकती है। अभी से इसके बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। ला-नीना से प्रशांत महासागर का पानी ठंडा होता है और अल-नीनो से गर्म होता है। दोनों स्थितियों का असर भारत के मौसम पर पड़ता है। ला-नीना की स्थितियां शीत लहर को बढ़ावा देती हैं, जबकि अल-नीनो विपरीत प्रभाव डालता है।

महापात्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि आइएमडी की ओर से ठंड का अनुमान नहीं लगाया जाता है, किंतु प्रत्येक सप्ताह तापमान का अग्रिम अनुमान जारी किया जाता है। इसके आधार पर मौसम का अनुमान लगाया जा सकता है। आइएमडी नवंबर महीने को जाड़े का मौसम भी नहीं मानता है। दिसंबर-जनवरी को ठंड का मौसम माना जाता है।

नवंबर माह के मौसम के बारे में महापात्रा ने कहा कि पूर्वोत्तर एवं मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे आ सकता है, जिसके चलते ठंड में वृद्धि हो सकती है।

उत्तर-पूर्वी मानसून के चलते नवंबर महीने में दक्षिण के राज्यों एवं समुद्र तटीय इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। उत्तर भारत एवं मध्य भारत में नवंबर में सामान्य से कम वर्षा होगी। अगर इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ी तो पूरे उत्तर भारत में वर्षा हो सकती है।
तीन-चार दिनों से पहाड़ों पर बर्फबारीफिलहाल इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता है। इस बीच, तीन-चार दिनों से पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते 31 अक्टूबर से उत्तर भारत के राज्यों में तेज हवा बहने लगी है। अगले दो-तीन दिनों तक यह जारी रह सकता है। उसके बाद मौसम साफ होगा और तापमान में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!