जशपुर: जशपुर जिले के बटईकेला गांव में कियोस्क बैंक (ग्राहक सेवा केंद्र) में हुई लूट और हत्या के मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 16 घंटे के भीतर मामले को सुलझा लिया है। पुलिस ने इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए 15 गांवों के जंगलों की छानबीन की और 11 पेट्रोल पंपों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है वहीं फरार आरोपी की तलाश जारी है।

जानकारी के अनुसार 5 नवंबर 2024 को संचू कुमार गुप्ता अपने कियोस्क बैंक में लेन-देन कर रहे थे, जब आरोपी रवि उरांव और रातु राम बजाज मोटरसाइकिल पर बिना नंबर प्लेट के आए। दुकान पर चॉकलेट और पानी खरीदने का बहाना बनाकर दोनों कियोस्क बैंक के अंदर घुस गए। रवि उरांव ने कट्टा निकालकर संचू से पैसा डालने को कहा। जब संचू ने विरोध किया, तो रवि ने कट्टे के बट से सिर पर वार किया जिससे खून बहने लगा। इसी बीच, संचू की दादी उर्मिला बाई बीच-बचाव के लिए आईं, तो रवि ने उन पर फायर कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही जशपुर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी और डीएसपी विजय राजपूत के नेतृत्व में दो टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू की। सभी संभावित रास्तों पर नाकेबंदी की गई, और आस-पास के गांवों के जंगलों और पेट्रोल पंपों की निगरानी की गई। जांच के दौरान पता चला कि हाल ही में जेल से छूटे आरोपी रवि उरांव इस अपराध में शामिल था। सायबर सेल और मुखबिर की मदद से पुलिस ने रवि उरांव और रातु राम को जोड़ते हुए रातु राम को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उन्होंने जेल में रहते हुए ही इस लूट की योजना बनाई थी और घटना से पहले इलाके की रेकी की थी।

मुख्य आरोपी अभी भी फरार, ईनाम की घोषणा

हालांकि, मुख्य आरोपी रवि उरांव अब भी फरार है और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। सरगुजा रेंज के आईजी अंकित गर्ग ने मामले में शामिल पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए नकद ईनाम की घोषणा की है पुलिस अब फरार आरोपी रवि उरांव को पकड़ने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है, और मामले की गहराई से जांच कर रही है।।

इस कार्यवाही में प्रभारी एसडीओपी बगीचा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निमिषा पाण्डेय, एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी, निरीक्षक विनित पाण्डेय, गौरव पांडेय, और सायबर सेल के उप निरीक्षक नसरुद्दीन अंसारी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।

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