बलरामपुर: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने तथा आजीविका से जोड़ने के लिए बागबानी फसलों को वृहद रूप देने का सफल प्रयास जारी है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत ऐसा ही सफल प्रयास विकासखण्ड कुसमी के ग्राम इदरीकला में देखने को मिल रहा है। ग्राम इदरीकला के प्रयोगधर्मी एवं प्रगतिशील कृषक सुखराम द्वारा बाड़ी में उन्नत कृषि पद्धतियों का प्रयोग कर टमाटर का बंफर उत्पादन किया जा रहा है। कृषक सुखराम अपनी टमाटर के खेती की सफलता का श्रेय अपनी कठिन परिश्रम के साथ राष्ट्रीय बागवानी मिशन तथा उद्यान विभाग के अधिकारियों को देते हैं।
कृषक सुखराम बताते हैं कि उसके पास लगभग सवा 3 एकड़ जमीन है तथा वह पहले परम्परागत तरीके से खेती करता था तथा कृषि के उन्नत तकनिकी एवं जानकारी के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था कि परिवार के खर्च को चलाना मुश्किल हो जाता था। जिससे परिवार के भविष्य की जिम्मेदारियां अंधेरे में दिखाई दे रही थी। ज्यादा पढ़ा-लिखा न होने के कारण कुछ काम भी नहीं मिल पा रहा था। अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने तथा परिवार के आय को बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग से सम्पर्क किया। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने उसे उन्नत खेती करने कि सलाह दी। उद्यान विभाग की सहायता से राष्ट्रीय बागवानी मिशन में भाग लेकर खीरा एवं टमाटर की फसल लेने का निर्णय लिया। सुखराम ने अपने बाड़ी में उद्यान विभाग की सहायता तथा मार्गदर्शन से 2 एकड़ में खीरा तथा 1 एकड़ में टमाटर की खेती किया। खेत तैयार करने के लिए उसने सबसे पहने विभाग की सहायता से मिट्टी पलटने वाला हल का उपयोग किया साथ ही मिट्टी तोड़ने के लिए रोटावेटर का उपयोग कर दोनों फसलों का बीज बोया, तत्पश्चात वह बताता है कि उसने पौधे में सिंचाई के लिए विभाग से प्राप्त अनुदान प्राप्त कर ड्रिप, स्प्रिंकलर का उपयोग किया जिससे उसे सिंचाई करने के लिए पानी का उपयोग ज्यादा नही करना पड़ा। साथ ही उसने मल्चिंग तकनीकी का उपयोग भी किया। जिससे उसे मजदूरी लागत भी कम लगा। वे बताते है कि दोनों फसलों की खेती करने में उसे लगभग 85 हजार का लागत राशि खर्च हुआ। उन्नत कृषि पद्धिति एवं अच्छी देख-रेख से खीरा एवं टमाटर के फसल का बंफर उत्पादन हुआ। उसे लगभग 180 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ। 18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से नजदीकी सब्जी मण्डी तथा अम्बिकापुर, डाल्टेनगंज, गढ़वा के व्यापारी भी बाड़ी से ही नगद देकर खीरा व टमाटर की खरीदी कर रहे हैं। इस प्रकार सुखराम को खर्चा काट कर 2 लाख 48 हजार रूपये का लाभ प्राप्त हुआ है। खीरा और टमाटर की अच्छी पैदावार होने से सुखराम के चेहरों में मुस्कान बिखेर दी है, तथा आय के श्रोत में बढ़ोतरी होने से आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। अब आर्थिक स्थिति में सुधार होने से वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहा है। सुखराम के जुनून को देखते हुए वहां आसपास के गांव के कृषक उद्यानिकी फसलों को अपनाने हेतु प्रेरित हो रहे हैं। उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कृषकों से तकनीकी एवं बाजार व्यवस्था की चर्चा तथा उन्हे उन्नत खेती करने की सलाह दी जाती है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका मकसद बागवानी क्षेत्र का विकास करना और उत्पादन को बढ़ाना है।