अम्बिकापुर।अंबिकापुर होली क्रॉस वीमेन्स कॉलेज में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे सभी के लिए एक समान नियम व कानून कथन पर विचार मंथन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शांता जोसेफ के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के कॉन्फ्रेंस कक्ष व प्रेक्षागृह में संपन्न किया गया। उक्त कार्यक्रम का आगाज़ मुख्य वक्ता एच.एस. त्रिपाठी वरिष्ठ अधिवक्ता, जिला व सत्र न्यायालय,अम्बिकापुर तथा महाविद्यालय के उपप्राचार्य डॉ. मंजू टोप्पो को एक जीवंत पौधा प्रदान करके उनके स्वागत व अभिनन्दन से हुआ। इसके उपरांत वक्ता द्वारा भारतीय संविधान के महत्व, अवधारणाओं, विचारों, उद्देश्यों नियमों व आम व्यक्ति को प्राप्त होने वाले अधिकारों की क्रमबद्ध तरीके से सुस्पष्ट वर्णन करते हुए उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक बताया। वक्ता श्री त्रिपाठी द्वारा अपने दिए गए व्याख्यान के पश्चात् भारतीय संविधान के सन्दर्भ में महाविद्यालय की छात्राओं के प्रश्नों का समाधान सरल व रोचक तरीके से करके भारतीय संविधान : अतीत से अद्यतन तक विषय पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन करते हुए आलोक चक्रवर्ती, सहायक प्राध्यापक गणित द्वारा भारतीय संविधान के निर्माण प्रक्रिया के इतिहास को प्रकाशित करते हुए बताया गया कि क्यों 26 नवम्बर 1949 को भारत का लिखित संविधान पूर्ण होने के पश्चात् क्यों इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस समारोह में धन्यवाद ज्ञापन छात्रा आरती मिश्रा द्वारा किया गया।
महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में संविधान दिवस समारोह-2024 का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उपरांत छात्रा स्नेहा वर्मन व छात्रा सिद्धि प्रजापति द्वारा संविधान संदर्भित विषय पर भाषण दिया गया। तत्पश्चात बी.ए. की छात्राओं द्वारा संविधान जागरुकता निमित्त एक नुक्कड़ नाटक को प्रस्तुत किया गया। छात्रा साक्षी पाण्डेय ने संविधान पर आधारित अपने स्वरचित कविता का पाठ किया। भारतीय संविधान के संवैधानिक मूल्यों व मौलिक अधिकारों की जानकारी रीतू दास, सहा प्राध्यापक, राजनिति विज्ञान द्वारा किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शाता जोसेफ ने संविधान दिवस पर सभी को अपनी मंगलकामनाएं प्रेषित करते हुए जीवन में निरंतर सत्य के मार्ग में चलने की अपील की। इस अवसर पर महाविद्यालय की उपप्राचार्य डॉ. मंजू टोप्पो सहित में कार्यरत शिक्षकगण, कर्मचारीगण, छात्राएं उपस्थित थे।