गरियाबंद: गरियाबंद जिले के तौरंगा परिक्षेत्र में घायल हाथी के बच्चे की मौत हो गई। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद शनिवार दोपहर 3:35 बजे उसने अंतिम सांस ली। यह हाथी का बच्चा एक माह पहले शिकारी द्वारा लगाए गए केमिकल युक्त पोटाश बम से गंभीर रूप से घायल हो गया था।
घटना के बाद उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट की टीम ने घायल हाथी की देखभाल शुरू की। डॉक्टर राकेश वर्मा और डॉक्टर डी. मुर्गन सहित 30 लोगों की टीम ने इसका इलाज किया। हाल के दिनों में हाथी की स्थिति में सुधार देखा गया था, लेकिन मुंह में बने गहरे जख्मों में संक्रमण और मवाद ने हालात को बिगाड़ दिया। इस बीच, हाथी ने सक्रिय होते हुए एक बच्ची की जान भी ले ली थी। गुरुवार को उसकी तबीयत फिर बिगड़ी, और शनिवार को उसकी मृत्यु हो गई। वन विभाग अब पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार करेगा।
वन विभाग ने कहा कि शिकारी द्वारा लगाए गए पोटाश बम ने इस घटना को अंजाम दिया। अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह गरियाबंद जिले में पिछले कुछ वर्षों में हाथियों की चौथी मौत है। इससे पहले उदंती और गरियाबंद वन मंडल में तीन हाथी मारे जा चुके हैं। विशेषज्ञ इसे मानव-हाथी संघर्ष का परिणाम मान रहे हैं। घटना का हाथी के झुंड पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।