नई दिल्ली। अब राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) स्तर या इससे ऊपर के अधिकारी ही आपातकालीन मामलों में फोन इंटरसेप्शन या फोन टै¨पग का आदेश दे सकेंगे। आदेश जारी होने के दिन से सात कार्य दिवसों के भीतर ऐसे आदेश की सक्षम अधिकारी से पुष्टि करवानी होगी।

ऐसा नहीं होने पर इंटरसेप्ट किए गए मैसेजों को किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही इन मैसेजों को दो कार्य दिवसों के भीतर नष्ट करना होगा। सरकार ने इस संबंध में नए नियम जारी किए हैं।

केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव तथा राज्य सरकार के मामले में गृह विभाग के प्रभारी सचिव सक्षम अधिकारी होंगे। दूरसंचार विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि अगर सक्षम अधिकारी के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में या अन्य कारणों से आदेश जारी करना संभव नहीं है, तो इंटरसेप्शन आदेश केंद्रीय स्तर पर अधिकृत एजेंसी के प्रमुख या दूसरे स्तर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी जारी कर सकते हैं।

राज्य में अधिकृत एजेंसी के प्रमुख या दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी, जो पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे नहीं हो, वह भी ऐसे आदेश जारी कर सकते हैं।अपरिहार्य परिस्थितियों में, ऐसा आदेश केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव स्तर से नीचे के पद के अधिकारी द्वारा दिया जा सकता है, जिसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत किया गया हो।


सक्षम प्राधिकारी द्वारा पुष्टि किए गए किसी भी आदेश को जारी या पुष्टि की तारीख से सात कार्य दिवसों के भीतर केंद्रीय या राज्य स्तर पर संबंधित समीक्षा समिति को प्रस्तुत करना होगा। केंद्रीय स्तर पर समीक्षा समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे। इसमें कानून सचिव तथा दूरसंचार सचिव सदस्य होंगे। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव समीक्षा समिति की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गृह सचिव के साथ राज्य कानून सचिव और राज्य सरकार के सचिव शामिल होंगे।

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