विकास कार्य हो रहें प्रभावित, पंचायत मद के राशियो का हो रहा दुरूपयोग, भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं
अम्बिकेश गुप्ता
कुसमी।बलरामपुर जिले में प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई हुई है. योग्य अधिकारियों के रहते हुए भी कुसमी जनपद पंचायत मे मुख्य कार्यपालन अधिकारी का रिक्त पद करीब दो वर्षों से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के आदेश के विपरीत अयोग्य प्रभारी सीईओ के भरोसे चलाया जा रहा हैं. जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर तों सवाल उठ ही रहें हैं. साथ ही योग्य अधिकारियों को इस पद से वंचित रहना पड़ रहा हैं.
उल्लेखनीय हैं की जनपद पंचायत कुसमी में वर्ष 2022 के जुन माह में मुख्य कार्यपालन अधिकारी सूरज गुप्ता को मूल रूप से पदस्त किया गया था. तथा महज 4 माह के बाद उन्हें अन्यत्र हटा कर अटैज कर दिया गया। श्री गुप्ता के मूल पदस्थापना पर ही जनपद पंचायत शंकरगढ़ में मूल रूप से पदस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय दुबे को जनपद पंचायत शंकरगढ़ के साथ – साथ अतिरिक्त प्रभार कुसमी जनपद पंचायत का भी दे दिया गया. तथा उन्हें करीब 8 माह तक दोनों जनपद पंचायत के सीईओ के कार्यदायित्व का निर्वहन करने के बाद कुसमी जनपद पंचायत के अतिरिक्त प्रभार से हटा दिया गया. और 19 जुन 2023 में बलरामपुर जिला मे पदस्थ तत्कालीन कलेक्टर द्वारा आदेश जारी कर कुसमी मे लंबे समय से पदस्थ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ अधिकारी डॉ अभिषेक पाण्डेय को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक मूल कर्तव्यों के साथ- साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया.साथ ही उन्हें प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकार भी प्रदत्त कर दिए गए। ऐसे में यह मेहरबानी किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति करने की ओर इशारा कर रहा।
क्या कहता हैं छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय का आदेश
छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को लिखित आदेश मे वर्ष 2006 से अब तक कई आदेश जारी कर आदेशित किया गया हैं की पंचायत विभाग के जिला पंचायत द्वारा शासन की बगैर अनुमति के मुख्य कार्यपान अधिकारी जनपद पंचायत के संवर्ग अधिकारी को छोड़कर अन्य विभाग/संवर्ग के अधिकारियों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत का प्रभार दिया जा रहा है। यह अत्यंत आपत्तिजनक एवं विभाग के उद्देश्यों के सर्वथा विपरीत है। उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बलरामपुर जिला के जनपद पंचायत कुसमी का अतिरिक्त प्रभार करीब 2 वर्षों से पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ अधिकारी को नियम विरुद्ध तरीके से दे दिया गया हैं। हाल ही में वर्तमान राज्य शासन द्वारा 7 मार्च 2024 को एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी कलेक्टर व जिला सीईओ को जारी आदेश मे पूर्व से जारी आदेशो पर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने कहाँ गया हैं।
मंत्रालय से जारी आदेश की उड़ रही धज्जियां
बलरामपुर जिला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कई विकास विस्तार अधिकारी पदस्थ होने के बाद भी उन्हें मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार न देकर मंत्रालय से जारी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जबकी मंत्रालय द्वारा सुक्ष्मदर्शिता पूर्वक जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का कार्य संपादन करने वर्षों से वर्ष 2024 तक आदेश जारी कर विकास विस्तार अधिकारीयों को प्रभार देने निर्देश दिया गया हैं. वहीं कुसमी जनपद पंचायत में करीब दो वर्ष से अन्य विभाग के पशु चिकित्सक को नियम विरुद्ध अतिरिक्त प्रभार दिया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा हैं।
पांच वर्षों में चर्चित रहा कुसमी जनपद पंचायत
पिछले शासन कॉल मे जनपद पंचायत कुसमी मे कपड़ो की तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी की कुर्सी से अफसर बदले जा चुके हैं जो बेहद चर्चा मे रहा। जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 से 2023 तक कुल 6 मुख्य कार्यपालन अधिकारी को हटाया गया. और उक्त पद मे 7 वें प्रभारी सीईओ के रूप मे मंत्रालय रायपुर के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ अधिकारी डॉ अभिषेक पाण्डेय को जनपद पंचायत कुसमी का प्रभार दे दिया गया है। जिससे स्पष्ट हैं कि कुसमी जनपद पंचायत मे किस स्तर पर राजनीतीक दखल है। तथा शासकीय राशी का जमकर बंदरबाँट हो रहा हैं।
शासन से छुपाई गई जानकारी, जिला प्रशासन की हो रही बदनामी
कार्यालय कलेक्टर जिला बलरामपुर रामानुजगंज द्वारा जारी आदेश क्रमांक 829 दिनांक 19 जून 2023 के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार पशु चिकित्सा सहायक संलग्न अधिकारी कुसमी डॉक्टर अभिषेक पांडे को देने के बाद इसकी जानकारी आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी/शंकरगढ़, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बलरामपुर, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें बलरामपुर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शंकरगढ़ को दी गई हैं। तथा छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव व विशेष सहायक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय, विकास आयुक्त कार्यालय रायपुर से अनुमोदन नहीं लिया गया हैं और न ही प्रतिलिपि तक भेजी गई. साथ मंत्रालय व सचिवालय से जानकारी को छुपाया गया. इससे एक प्रभारी सीईओ के कारण बलरामपुर जिला प्रशासन की बदनामी हो रही हैं. पूरा प्रकरण जाँच का विषय हैं.
गैर विभागीय कार्य संपादित कर रहे पशु चिकित्सक 2019 में हटाए जा चुके हैं
आयोजित एक विभागीय बैठक में शिकायत के बाद संचालनालय, पशु चिकित्सा सेवाएं छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्व में पत्र क्रमांक 1633 में दिनांक 11 मार्च 2019 को गैर विभागीय कार्य संपादित कर रहे पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों को पूर्णकालिक रूप से विभागीय कार्य हेतु मुक्त किए जाने निर्देश प्रदेश के तत्कालीन 7 कलेक्टर जिला बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा, दुर्ग, कोरिया, जशपुर व बलरामपुर को दिया गया था. जिसके बाद उक्त आदेश के परिपालन में उक्त सभी जिला में संलग्न किए गए कुल 09 पशु चिकित्सकों कों उनके मूल पदस्थापना में पशु चिकित्सालय वापिस भेज दिया गया था. लंबे समय बीत जाने के बाद बलरामपुर जिला में पुनः इस तरह का प्रभार कई सवालों कों जन्म दे रहा हैं।