अंबिकापुर: सरगुजा जिले में क्रिकेट सट्टेबाजी के बढ़ते मामलों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए सरगुजा पुलिस ने एक संगठित ऑनलाइन सट्टा रैकेट का खुलासा किया है। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है । वही पांच अन्य आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।जिनके पास से 5 मोबाइल फोन और 3 बैंक खाते बरामद हुए हैं। मामले की जांच के दौरान पुलिस को 40 करोड़ रुपये के ऑनलाइन लेनदेन का पता चला है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा खेल
दरअसल सरगुजा पुलिस को 13 जनवरी 2025को सूचना मिली थी कि सरगुजा साइकिल स्टोर के सामने स्थित एक घर में ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक रोहित शाह के नेतृत्व में थाना कोतवाली और साइबर सेल की टीम ने छापेमारी की। मौके से तीन व्यक्ति टीवी सेटअप, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक और अन्य दस्तावेजों के साथ*ऑनलाइन सट्टा खेलते और खिलाते हुए पकड़े गए।
गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क
पुलिस ने पहले राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की, श्रीकांत अग्रवाल और राहुल कुमार सोनी को गिरफ्तार किया । पूछताछ में इन आरोपियों ने सुधीर गुप्ता के साथ मिलकर विन बज पोर्टल पर ऑनलाइन सट्टा संचालित करने की बात कबूली। आगे की जांच में अर्जुन गुप्ताका नाम सामने आया, जिसने फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाते** का उपयोग कर क्यूआर कोड स्कैनर तैयार करवाया था। इसके बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड सुधीर गुप्ता को हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया।
व्हाट्सअप ग्रुप के जरिए सट्टा संचालन
मामले की गहराई से जांच करने पर पता चला कि सुधीर गुप्ता ने अमन करारिया को सट्टा नेटवर्क में शामिल किया था, जो अपने पिता के नाम से सिम लेकर इसे ऑपरेट कर रहा था। इसके अलावा, सोम गुप्ता, सौरभ यादव, साहिल गुप्ता भी इस गिरोह से जुड़े थे। ये आरोपी व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर क्रिकेट सट्टा का संचालन करते थे और इसमें शामिल अन्य लोगों से लेनदेन करते थे।
फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों का लेनदेन
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अम्मी गिरी नामक व्यक्ति ने कई फर्जी बैंक खाते खुलवाए थे, जिनका इस्तेमाल अवैध धन के लेनदेन में किया जा रहा था। यह नेटवर्क हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से विन बज और स्काई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर सट्टा संचालित करता था।
सरगुजा पुलिस ने इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट से जुड़े और भी लोग हो सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।