रायपुर: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में आज “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत: ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वनवासी विकास समिति के प्रांताध्यक्ष उमेश कच्छप थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. बलदेव भाई शर्मा ने की। 

इस मुख्य अतिथि  उमेश कच्छप ने जनजातीय समाज के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनजातीय परंपराएं भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान नायकों का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव देश और समाज के लिए बलिदान दिया है। उन्होंने प्रकृति के संरक्षण और उसके साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की परंपरा पर बल देते हुए युवाओं को इन परंपराओं को समझने और संरक्षित करने का आह्वान किया। 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत भारत के इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह समाज धर्म, संस्कृति और सामाजिक जीवन की रीढ़ है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा, महाराणा प्रताप के भील साथियों और छत्रपति शिवाजी के मावलों के योगदान को याद करते हुए जनजातीय समाज के महत्व को रेखांकित किया। 

इस कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और छत्तीसगढ़ महतारी एवं भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। संयोजक और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मांडवी ने स्वागत भाषण में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम के समापन पर कुलसचिव  सुनील कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य नई पीढ़ी को जनजातीय समाज के योगदान से प्रेरित करना है। 

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अतिथि प्राध्यापक, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राध्यापक, विद्यार्थी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। संचालन श्रीमती चैताली पाण्डेय ने किया। 

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