अभिषेक सोनी
बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर राजस्व विभाग के हल्का नम्बर 17 ओकरा, पतरापारा के पटवारी संघ के अध्यक्ष पवन पांडेय को एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर की टीम ने 12 हज़ार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया न्यायालय से रामानुजगंज जेल भेजा।
राजपुर राजस्व विभाग के हल्का नम्बर 17 ओकरा और पतरापारा के पटवारी पवन पांडेय जो वर्तमान में पटवारी संघ के अध्यक्ष के पद पर पदस्थ है। पटवारी ने ग्राम पतरापारा निवासी अजय पावले से फावती चढ़ाने और नामांतरण के नाम पर 12 हज़ार रुपए की मांग की थी। अजय पावले ने इसकी शिक़ायत एसीबी अंबिकापुर को किया था। पटवारी पैसा अपने घर नगर पंचायत खुठनपारा में मंगाया था। बुधवार की दोपहर करीब 11 बजे एसीबी की टीम दो वाहन में राजपुर पहुंची। इनके बाद शिकायतकर्ता अजय पावले को 500-500 के 24 नोट नम्बर अंकित कर 12 हजार रुपए में केमिकल मिलाकर दिया। दोपहर साढ़े 12 बजे शिकायतकर्ता जैसे ही पटवारी को 12 हजार रुपए हाथ में थमा दिया पीछे से एसीबी की टीम पहुंचकर पटवारी को पैसे लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी की टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर स्थानीय रेस्ट हाउस में लाकर कानूनी कार्रवाई कर राजपुर न्यायालय में पेश किया न्यायालय से जेल भेजा। कार्रवाई के दौरान डीएसपी प्रमोद खेस, टीआई शरद सिंह, एसआई विविद पाल साथ में सात आरक्षक उपस्थित थे।
पटवारी खुलेआम ले रहे हैं रिश्वत
बलरामपुर जिले सहित राजपुर में छोटे-छोटे कामों को लेकर पटवारी खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे हैं गांव के गरीब ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए महीनो घुमाया जा रहा है। गांव के ग्रामीणों को आय, जाति, निवास, नामांतरण के लिए पटवारी कार्यालय में सुबह से शाम तक चक्कर लगाना पड़ रहा है कहीं ना कहीं पटवारी के ऊपर राजस्व विभाग के उच्चधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। कुछ पटवारियों ने नाम न बताने के एवज़ में यह भी कहा कि हमें उच्चधिकारियों को भी पैसा देना पड़ता है। कभी-कभी कार्यक्रम होता हैं कई नेताओं का आना जाना लगा रहता है उसमें चंदा देना पड़ता है।
पटवारी अपने हल्का में नहीं रहते
राजपुर राजस्व विभाग में 30 हल्का नम्बर है, 24 पटवारी व 4 प्रभारी आरआई पदस्थ है। मगर अधिकांश पटवारी अपने हल्का नम्बर छोड़कर मुख्यालय में कार्यालय बनाकर रहना पसंद करते है। गांव के गरीब आदिवासियों को छोटे-छोटे कामो के महीनों घूमना पड़ रहा है। वही छोटे-छीटे कामो में लिए कुछ पटवारियों के द्वारा मोटी रकम मांगी जा रही है। इसकी जानकारी उच्चधिकारियों को भी है।