बेमेतरा: खरीफ बोवाई से लेकर खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में जिला प्रशासन सख्त है। जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (रा.) व कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में जिले में खाद-बीज की समस्या न आए। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन करें कि किसानों को जरूरत के मुताबिक समय पर खाद-बीज उपलब्ध हो। कलेक्टर पदुम सिंह ने खरीफ फसल की शुरुआत में ही कृषि अधिकारियों के साथ ही जिले के सभी एसडीएम को अमानक बीज-खाद के विक्रय तथा कालाबाजारी की रोकथाम के लिए कृषि आधारित दुकानों का औचक निरीक्षण कर कालाबाजारी में लिप्त दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि खाद की कालाबाजारी किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कुछ कृषि सामग्री विक्रेता यूरिया की कालाबाजारी व अधिक दर पर बेचने की शिकायत मिलने पर उप संचालक कृषि श्री मोरध्वज डड़सेना ने उर्वरक निरीक्षक को निजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने भेजा। बीते बुधवार को कृषि केंद्र खंडसरा बेमेतरा के द्वारा बिना अनुज्ञप्ति पत्र के खाद विक्रय करने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी जिसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्रीमती रिती तिवारी तथा कीटनाशी/ बीज/उर्वरक निरीक्षक डॉ श्याम लाल साहू बेमेतरा द्वारा बाबा कृषि केंद्र खंडसरा का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में पाया गया कि संबंधित द्वारा बिना अनुमोदित प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के कीटनाशकों का भंडारण किया गया है साथ ही संबंधित के द्वारा कीटनाशकों के स्कंध तथा मूल्य सूची का प्रदर्शन नहीं किया गया है और न ही नियमानुसार कृषकों को बिल दिया जा रहा है। जो कि कीटनाशी अधिनियम 1968 तथा कीटनाशी नियम 1971 का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही उनके द्वारा बिना अनुज्ञप्ति पत्र के उर्वरकों का भंडारण एवं विक्रय किया जा रहा था। अधिनियमों/नियमों के उल्लंघन के फलस्वरूप अनुविभागीय कृषि अधिकारी एवं निरीक्षक द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए खाद बीज कीटनाशकों को जब्त कर उक्त दुकान को सील कर दिया गया है। खाद विक्रेता के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध तथा संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।