नई दिल्ली, पीटीआई। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि इस प्रक्रिया का पालन करने के लिए अगर और मां-बाप रहेंगे तो एक अनाथ बच्चे को गोद लिए जाने के लिए अत्यधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में बच्चा गोद लेने की तस्वीर बदली है। अब पिछले तीन सालों से लड़कों के मुकाबले लड़कियों को अधिक गोद लिया जाता है।

प्रश्नकाल में अनुपूरक सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि गोद लेने वाले माता-पिता को भले ही इंतजार करना पड़े, लेकिन अब बच्चे को गोद लिए जाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए अधिक मां-बाप होंगे तो बच्चों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह किसी भी समाज के लिए अच्छे संकेत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन सालों से लड़कों के मुकाबले लड़कियों को अधिक गोद लिया गया है। हमारे देश में वर्ष 2019-20 में 1400 लड़कों और 1938 लड़कियों को गोद लिया गया।

इसीतरह, वर्ष 2020-21 में 1200 लड़कों और 1856 लड़कियों को गोद लिया गया। 2021-22 में 1293 लड़कों और 1690 लड़कियों को गोद लिया गया है। इन सभी लोगों ने देवी लक्ष्मी को गोद लिया है। केंद्रीय मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया कि गोद लेने की अदालती प्रक्रिया इतनी लंबी होती थी कि बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने में मां-बाप को औसत समय भी दो से साढ़े तीन साल तक लग जाता था।

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