अंबिकापुर: लगभग अधिकांश रूप से देखा जा रहा हैं की नेताओं की राजनीती का एक बड़ा हिस्सा अब भारत की आन बान शान हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बनता जा रहा हैं अपनी राजनितिक रोटी सेकने के चक्कर में बड़े ही आसानी से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का उपयोग अपनी राष्ट्रभक्ति दिखाने के लिए की जा रहा हैं लेकिन इस तरह के राष्ट्रभक्ति से कही ना कही भारत की आन बान शान तिरंगा का अपमान धल्ले से हो ही रहा हैं जिसका जिम्मेदार कोन हैं यह तो स्वयं समझना पड़ेगा.
आपको बता दे की भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा घर घर तिरंगा हर घर तिरंगा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हमर तिरंगा का अभियान चलाया गया यहाँ तक की प्रधानमंत्री के इस अभियान कों भारत के लगभग लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और मुख्यमंत्रीयों के आदेशों का पालन हर राज्य के जिला के जिला अधिकारीयों ने जी तोड़ मेहनत कर इस अभियान कों लोगों तक पहुंचाया और वाहवाही लूटी.
लेकिन इस तरह के अभियान जो की 13 अगस्त से 15 अगस्त तक चलने की अपील की गई थी और तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्रीयों ने तिरंगे कों मान सम्मान के साथ फहराने की लगातार अपील की थी परन्तु अब अगर इन दिग्गज दिग्गज नेताओं के अपील से तिरंगा झंडा जो की भारत का आन बान शान राष्ट्रीय ध्वज कों लोगों ने अपनी देशभक्ति और वतन के प्रेम में लगा लिया.परन्तु इस तरह के अभियान में कई राज्यों के कई शहरों से लेकर ग्रामीणों कों राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा के नियम के बारे में कुछ पता ही नहीं हैं वे सिर्फ बड़े बड़े दिग्गज नेताओं के अपने अपने घर में तिरंगा झंडा लगाने के अपील कों गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कों अपने अपने घरों के साथ साथ बिजली के खम्भे, पेड़, ऑटो बस रिक्सा बाईक दुकानों के होर्डिंग में जैसे कई अन्य जगहों में तिरंगा झंडा लगा डाले.जिसके बाद हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा, हमर तिरंगा इस तरह से अन्य राज्यों में अलग अलग नाम से चलाये गये अभियान के कारण आज सड़क किनारे बिजली के खम्भे में लोगों के छत में पेड़, ऑटो, बस, रिक्सा,बाईक, दुकानों के होर्डिंग में जैसे कई अन्य जगहों में राष्ट्रीय ध्वज फटे मैले हाल में लगा हुआ हैं जिससे यह स्पस्ट हो ही जाता हैं की राष्ट्रीय ध्वज का अपमान खुलेआम हो रहा हैं.
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा के अपमान मर्यादा आन बान शान कों ताक में रखते हुए किस प्रकार की राजनितिक रोटी सेंकी जाती हैं यह कहना तो मुश्किल हैं परन्तु इस बात का जवाब आम जानता कों कोन देगा की राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का जिम्मेदार कोन हैं और इस तरह के तिरंगे के राजनीती कैसे चमक सकेगी.
सीमा पर तैनात लाखों जवान जो अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए पुरे हौसले जोश के साथ देश के प्रति समर्पण जज्बा अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटने वाले जवानों कों कों इन राजनीतिक रसूखदारों के द्वाराकिस तरह से सहयोग किया जा रहा हैं यह देखने वाली बात हैं एक तरफ जहाँ देश के जवान तिरंगे के सम्मान में अपने प्राणों की आहुति हॅसते हॅसते दे देते हैं वहीं इधर राष्ट्रीय ध्वज कों सड़क किनारे बिजली के खम्भे में लोगों के छत में पेड़, ऑटो, बस, रिक्सा,बाईक, दुकानों के होर्डिंग में जैसे कई अन्य जगहों में राष्ट्रीय ध्वज फटे मैले हाल में लगा तिरंगे का अपमान किया जा रहा हैं.
क्यों ना एक अभियान और चलाया जाए की कही भी सड़क किनारे बिजली के खम्भे में लोगों के छत में पेड़, ऑटो, बस, रिक्सा,बाईक, दुकानों के होर्डिंग में जैसे कई अन्य जगहों में राष्ट्रीय ध्वज फटे मैले हाल में लगे झंडे कों तत्काल सम्मान उतारा जाए और तिरंगा झंडा का अपमान करने वालो पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए.
नोट: कई जगहों का तिरंगा झंडा के फटे पुराने मैले झंडे का फोटो उपलब्ध हैं परन्तु राष्ट्रीय ध्वज के मर्यादा और सम्मान के कारण हम उस फोटो कों खबर के साथ नहीं लगा रहें हैं.