नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बंपर जीत के पीछे पार्टी के नेता एक बड़ी वजह मोदी की गारंटी को बता रहे हैं। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इस जीत की सबसे बड़ी वजह पीएम मोदी का नेतृत्व और उनकी गारंटी है। लोगों के अंदर यह विश्वास और भरोसा है कि मोदी की गारंटी पूरी होगी। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि  मोदी की गारंटी महाराष्ट्र, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और अब दिल्ली में काम आई।

मनोज तिवारी ने कहा कि हमें पूरा भरोसा था कि भाजपा सत्ता में वापस आएगी। प्रचार के दौरान हमने लोगों की आंखों में AAP के प्रति गुस्सा देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया ‘आप-दा’ नाम लोगों के बीच गूंज उठा और उन्होंने AAP को हरा दिया। जब उन्होंने अपनी गारंटी की घोषणा की, तो पूरी दिल्ली भाजपा के पक्ष में हो गई, क्योंकि सभी को पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा है। मोदी की गारंटी महाराष्ट्र, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और अब दिल्ली में काम आई।


मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और AAP के कई वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए। AAP ने कुछ सालों तक लोगों को गुमराह किया, लेकिन जब उन्हें लगा कि AAP के लगातार आरोप-प्रत्यारोप के कारण उनके 10 साल बर्बाद हो गए, तो जनता ने उन्हें रास्ता दिखा दिया।

मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने यमुना नदी का अपमान किया। यह अहंकार और भ्रष्टाचार को दर्शाता है। झूठ और जालसाजी आपको थोड़े समय के लिए लोगों को धोखा दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये चीजें आपको हार की ओर ले जाएंगी। उन्हें यह याद रखना चाहिए। AAP नेताओं का झूठ उजागर हो गया और वे चुनाव हार गए।

AAP की विफलताओं के कारण BJP की जीत
मनोज तिवारी का मानना है कि बीजेपी की जीत AAP सरकार की विफलताओं के कारण हुई। कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मनोज तिवारी ने कहा कि जब हमने 2020 में मोदी जी से दिल्ली के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करने के बारे में बात की थी, तो मोदी जी ने कहा था कि इसका समय आएगा। 2020 में हमने भाजपा के वोट शेयर में 8% की वृद्धि की, और इस बार हमने शानदार जीत हासिल की। इस बार मोदी की गारंटी ने दिल्ली में भाजपा की सरकार स्थापित की। भाजपा सरकार दिल्ली में इतना अच्छा काम करेगी कि यह अगले 25 वर्षों तक लोगों के दिलों में रहेगी। लोकसभा सांसद मनोज तिवारी दिल्ली BJP की चुनाव प्रबंधन समिति का हिस्सा थे और जिन्होंने 90 से ज़्यादा चुनावी रैलियां कीं।

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