नई दिल्ली: राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू से मिल सकते हैं. नाम न बताने की शर्त पर सूत्रों ने एएनआइ को बताया कि यह मुलाकात उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु के आवास पर हो सकती है.
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को ये सांसद अपने आचरण के लिए अध्यक्ष वेंकैया नायडू से माफी मांग सकते हैं. जिन 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित किया गया है, उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भाकपा के विनय विस्वम शामिल हैं.

बता दें कि किसानों से किए गए वादे के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सरकार ने कृषि सुधार के तीनों कानूनों को रद करने का ‘कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक, 2021’ पारित कर दिया.इसके बावजूद न तो किसानों का आंदोलन रुका और न ही राजनीति थमी. दोनों सदनों में विपक्ष कानून रद करने से पहले चर्चा चाहता था. आखिरकार शोर-शराबे के बीच ही विधेयक पारित कर कानून रद कर दिए गए. वैसे कांग्रेस ने यह जरूर स्पष्ट किया कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन से इस सदन के सभी सदस्य प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं और सभी ने मदद की है.

सोमवार को जब कानून रद करने के लिए विधेयक आया तो विपक्ष इसे सरकार की असफलता के साथ-साथ यह बताना चाहता था कि अब सरकार भी मान रही है कि गलत कानून पारित कराए गए थे. इसी उद्देश्य से विधेयक के पहले चर्चा कराने की मांग की गई थी.शोर शराबे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह ही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी थी. जबकि विधेयक पेश करने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि जब सरकार के साथ विपक्ष भी कानूनों की वापसी के लिए तैयार है तो फिर इस पर चर्चा का कोई औचित्य नहीं बनता. ध्वनिमत से लोकसभा में विधेयक मिनटों में पारित हो गया और कानून रद. वैसे संकेत हैं कि सदन अभी भी शांत नहीं होगा.

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