नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह दोषियों को रिहा करने का निर्देश दिया है. जिन दोषियों को रिहा करने क आदेश दिया गया है उनमें नलिनी और पी रविचंद्रन भी शामिल हैं. दोनों ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था. न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायाधीश बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी ए. जी. पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है. संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सज़ा पूरी कर ली थी.

दोषी नलिनी और पी रविचंद्रन 30 साल से ज्यादा समय जेल में गुजार चुके हैं. 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक और दोषी पेरारिवलन को रिहाई के आदेश दिया था. बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी. बता दें कि अलग-अलग हलफनामों में तमिलनाडु सरकार ने नलिनी और आरपी रविंचंद्रन की समयपूर्व रिहाई का समर्थन किया था. 2018 में राज्यपाल ने दोषियों को उम्रकैद की सजा में छूट देने की सिफारिश की थी.

बता दें कि 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी. इसके लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था. इन दोषियों को सोनिया गांधी का परिवार भी माफ कर चुका है.

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