अमरनाथ में बादल फटने की त्रासदी के कारण 16 श्रद्धालुओं की जान चले जाने के बाद पूरे सुरक्षा प्रबंध के साथ तीर्थ यात्रा फिर शुरू कर दी गई है। सोमवार सुबह अमरनाथ यात्रियों का जत्था आगे के लिए रवाना हो गया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से आज से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अमरनाथ गुफा तक जाने वाली सीढ़ियों को रातों-रात बनाई गई है, हालांकि बादल फटने की घटना के बाद कई यात्री दहशत में भी है। अमरनाथ यात्रा के प्रबंधन में जुटे अधिकारियों ने बताया है कि आधार शिविर से लगभग 2,000 से 3,000 तीर्थयात्रियों को चंदनवाड़ी की ओर जाने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों के एक नए जत्थे को पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर बढ़ने की अनुमति दी गई है। अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना के बाद पिछले दो दिनों से यात्रा रोकी गई थी।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा बीते दो साल से रद थी, लेकिन इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून को बालटाल मार्ग और पहलगाम मार्ग से शुरू हुई थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया है कि अमरनाथ यात्रा सोमवार सुबह जम्मू शहर के यात्री निवास आधार शिविर से शुरू हुई। 3,010 तीर्थयात्री सुबह साढ़े 4 बजे पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना हुए और 1,016 तीर्थयात्री सुबह साढ़े 3 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए।

शुक्रवार शाम को प्रतिष्ठित अमरनाथ मंदिर के पास बादल फटा था, जिससे अचानक बाढ़ के कारण कई श्रद्धालुओं के कैंप बह गए थे। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अभी तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं कुछ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। रविवार को चंदनवाड़ी का दौरा करने वाले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों से मुलाकात की थी और यात्रा को फिर से शुरू करने के संकेत दिए थे।

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