रायपुर: खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से प्रतिनिधि के रूप में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया। मंत्री श्री भगत ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में आज़ादी के अमृत महोत्सव की प्रगति की जानकारी दी। सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया।
सम्मेलन का उद्देश्य आज़ादी का अमृत महोत्सव अभियान में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसके माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मंत्री श्री भगत ने छत्तीसगढ़ के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा’, भगत सिंह की इन पंक्तियों के साथ संस्कृति मंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत की। अपने वक्तव्य में उन्होंने आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत छत्तीसगढ़ में हुए कार्यक्रम के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत छत्तीसगढ़ में 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2022 तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत छत्तीसगढ़ के स्वाधीनता सेनानियों के योगदान से छत्तीसगढ़ वासियों को अवगत कराया गया।
संस्कृति मंत्री श्री भगत ने कहा कि “आजादी का अमृत महोत्सव को भव्य और उचित तरीके से मनाने के लिए अपने राज्य की विकास यात्रा में देश की आजादी की यात्रा से संबंधित चार सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं- सन् 1921 का जिला राजनीतिक सम्मेलन, असहयोग आंदोलन, शहीद वीरनारायण सिंह का विद्रोह और जंगल सत्याग्रह का विवरण केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय को उपलब्ध कराया गया है।
मंत्री श्री भगत ने भविष्य की योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा कि सिरपुर व पुरखौती मुक्तांगन को फिल्म योजना के माध्यम से आज़ादी के अमृत महोत्सव में शामिल किये जाने की योजना है।