प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत चल रहा करोंडो का काम, जाँच कि मांग, अन्यथा जनपद का घेराव

बलरामपुर/कुसमी: भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता व जनपद पंचायत कुसमी के पूर्व उपाध्यक्ष जन्मजय सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बलरामपुर-रामानुजगंज व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी को प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच के संबंध में शिकायत पत्र दिया हैं. तथा कर कराए गए कार्यों की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने पर ग्राम वासियों के साथ 15 दिवस के बाद जनपद पंचायत कार्यालय कुसमी का घेराव करने की चेतावनी दी है तथा संपूर्ण जवाबदारी विभाग तथा शासन प्रशासन पर ठहराया हैं.

भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता जनपद पंचायत कुसमी के पूर्व उपाध्यक्ष ने दिए गए शिकायत पत्र में बताया हैं कि प्रधानमंत्री आदी आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन ग्राम पंचायतों में नाली निर्माण एवं सीसी रोड निर्माण कराए गए जा रहे हैं उक्त सभी कार्य निम्न स्तर का हैं. समय-समय पर संबंधित अधिकारियों को सूचना दिया गया. परंतु किसी भी अधिकारियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया और ग्राम पंचायतों में दलालों के द्वारा ग्राम पंचायतों में कार्य कराया जा रहा है. बाहर के लोगों के काम करने से ग्राम वासियों का शिकायत मुझे प्राप्त हुआ है. इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता निम्न स्तर की हैं. पंचायत राज में एजेंसी ग्राम पंचायत है. जिनको निर्माण कार्य कराने का जिम्मा है. निम्न स्तर के कार्य होने से भारत सरकार एवं सरगुजा सांसद रेणुका सिंह की छवि धूमिल हो रही है. जनहित एवं भारत सरकार की छवि को ध्यान में रखते हुए आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत स्वीकृत सभी कार्यों का दूसरे विभाग से जांच टीम गठित कर जांच करवाई जाए तथा जो कार्य निम्न स्तर का हुआ है उसे पुनः गुणवत्ता पूर्ण करवाई जाए. यदि कार्यों की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता हैं तो मेरे एवं ग्राम वासियों के द्वारा 15 दिवस के बाद जनपद पंचायत कार्यालय कुसमी का घेराव किया जाएगा. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभागों के आला अधिकारियों एवं शासन-प्रशासन पर ठहराया हैं। वहीं शिकायत पत्र की प्रतिलिपि बलरामपुर कलेक्टर, सहायक आयुक्त बलरामपुर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी को दी हैं।

कई ग्रामो पंचायत में जाकर निर्माण कार्यों का पूर्व जनपद उपाध्यक्ष ने किया निरीक्षण

पूर्व जनपद उपाध्यक्ष जन्मजय सिंह ने “छत्तीसगढ़” को बताया कि मेरे द्वारा कई ग्राम पंचायतों में जाकर प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत चल रहें करोड़ों रुपयों के निर्माण कार्य में कई ग्रामों में देखकर निरीक्षण किया. जिन कार्यों को देखने से ही निम्न स्तर का हैं सभी कार्य टेक्निकल टीम के द्वारा साठ-गाठ कर कराये जाने का संदेश दे रहा हैं. विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है. इस कार्य की मॉनिटरग करने वाले सब इंजीनियर व आरईएस विभाग के आला अधिकारियों द्वारा भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करना केंद्र जैसे महत्वपूर्ण योजना के पैसे को बंदरबाट कर बड़ी लापरवाही को दर्शा रहा हैं. मिलीभगत से बाहरी लोगों का प्रभाव पंचायत में बना हुवा हैं. यहीं वजह हैं कि ग्राम पंचायत का विकास के नाम पर सभी अपना विकास करने में लगे हुवे हैं. जिससे ग्रामीणों में रोस व्याप्त हैं. राज्य व केंद्र के अधिकारियों को इस मामलें में सज्ञान लेने की जरूरत हैं. ताकि भारत सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अंचलो में आदिवासी जनजाति समुदाय लोगों को सुविधाएं पहुचाई जा सकें. तथा उन्हें विकास की मुख्य धारा में जोड़ा जा सकें.

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