बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में फंसे अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। ईडी ने लंबी जांच के बाद उन्हें हिरासत में लिया था। मेडिकल ग्राउंड के आधार पर कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। उन्हें किडनी और गालब्लैडर स्टोन की दिक्कत थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी शराब घोटाले से जुड़े आरोपितों को राहत दी थी ।
हाईकोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने बताया कि अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। ईडी ने अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और आइएएस अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की थी।
शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें नकद के अलावा एफडी भी होल्ड किए गए हैं। 15 मई को ईडी ने कहा था कि शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई थी। जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपये बताई गई।
ये सभी अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपये की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। एक करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 27.5 करोड़ रुपये की एफडी फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी अनवर ढेबर को शराब घोटाले में आरोपित बनाया था। ईडी की ओर से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला होने की बात कही थी। साथ ही 13 हजार पन्नों की चार्जशीट भी पेश की गई थी। छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले और मनी लांड्रिंग का दावा ईडी ने किया है। जिसमें कहा गया कि, राज्य में 2019 से 2022 तक दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। ईडी ने अनवर ढेबर पर कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप लगाया गया है।
अनवर ढेबर रायपुर महापौरएजाज ढेबर के भाई हैं। साथ ही अनवर ढेबर शराब कारोबारी भी हैं। जिस पर शराब घोटाले का आरोप लगा है। अनवर ढेबर के अलावा कुछ और कारोबारियों को भी इसमें आरोपित बनाया गया है।