अंबिकापुर: सरगुजा जिले के उदयपुर मुख्यालय से 9  किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुरातत्व धरोहर सुगनहारिन(शीतला माता)मंदिर में चोरी होने के बाद वहां के पत्थरों और मूर्तियों का राज खुल चुका है।

बताया जा रहा है कि पुरातत्व धरोहर स्थल महेशपुर से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम लक्ष्मणगढ़ के केदमा मार्ग में बैगा तालाब के पास पुरातन कालीन सुगन हारीन माता मंदिर स्थित है, जहां के पत्थरों में भी अपार शक्तियां छिपे होने का एक विशेष महत्व बताया जा रहा है और ग्राम का नाम उसी खंडहर महल में रहने वाले राजा के नाम से लक्ष्मणगढ़ रखा गया है।मिली जानकारी अनुसार एक हफ्ते पूर्व सुगन हरि मंदिर में देवी का परिसज्जा त्रिशूल लोटा व घंटी का अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की घटना होने का मामला सामने आया है, वही बताया जा रहा है की कई सुंदर मूर्तियों का भी चोरी हो चुका है।बताया जा रहा है की सुगनहरी मंदिर से 21 बहनों का एक ही पत्थर पर आकृति बन मूर्ति है जिसे चोरों के द्वारा कई बार ले जाने का प्रयास किया गया किंतु वहां मुख्य मूर्ति को ले जाने में हर बार असफल हुए हैं।ग्रामीणों के द्वारा उदयपुर पुलिस को सूचना देकर यह जानकारी अवगत कराया गया है की शीतला माता मंदिर में चोरी की घटना किया गया है।

इस घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे जानकारी अर्जित किया गया तो पता चला की शीतला माता मंदिर के अलावा मंदिर के 200 मीटर की दूरी पर लक्ष्मणगढ़ का एक किला खंडहर के रूप में जंगल में पड़ा था जिसे खुदाई करवा कर शिलालेख एवं मूर्तियों को बाहर निकलने का कार्य एक महत्वपूर्ण किसी अंबिकापुर के साहूकार द्वारा कराया जाना पाया गया ग्रामीणों से इस विषय पर बात करने पर यह पता चला की मंदिर के बगल में पुरातत्व धरोहर के रूप में सैकड़ो वर्षों से जंगल में पड़ा था जिसे किसी बाहर के व्यक्ति द्वारा जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर से खुदाई करवा कर शिलालेखित आकृतियां वाला पत्थरों को हटवाया गया और खंडहर के रूप में पड़े पत्थरों को हटवा कर जगह का सफाई किया गया है जगह का सफाई किस कारण किया गया है यह तो जांच का विषय है मौके पर 19 कोण का कुआं भी देखने को मिला है जो कुआं लगभग 100 फीट गहरा देखा गया है इसके बारे में पटवारी ,तहसीलदार, एसडीएम के पास शिकायत ग्रामीणों के द्वारा मौखिक रूप से किया गया है।

पुरतत्व धरोहर के रूप में ग्राम लक्ष्मणगढ़ में पड़े पत्थरों और मूर्तियों को देखने से यह पता चलता है कि यह बहुत ही पुरातन काल का गढ़ रहा होगा किसी कारणवश गढ़ के धराशाई हो जाने पर यह खंडहर के रूप में तब्दील हो गया था जिसे खुदाई करवा कर मालवा को हटाया गया है। यह भी जानकारी निकलकर सामने आ रहा है की मलबे में कई प्रकार के धातु होने के कारण टेस्ट कर मालवा को हटवाने का काम किया गया है। शीतला माता मंदिर के 50 फीट दूरी पर सड़क किनारे ही धरती में मिट्टी कटाव के वजह से धीरे-धीरे कई पत्थर स्वयंभू निकाल कर सामने आ रहे हैं।

ग्राम लक्ष्मणगढ़ का धरोहर को ज्यादा जानकारी के लिए पुरातत्व विभाग को संज्ञान में लेकर खुदाई करवा कर इसका संरक्षण करना चाहिए तथा पता लगाना चाहिए कि कौन से कालीन का यह गढ़ रहा है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!