नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) ने जब से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ एक्शन लिया है, तभी से पेटीएम (Paytm) के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (बिजनेस) प्रवीण शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे पेटीएम से जुड़े सवाल और भी उलझ गए हैं।
यहां तक कि पेटीएम के कर्मचारियों को भी अपना भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। पिछले कई दिनों से ऐसी रिपोर्ट्स भी आ रही हैं कि पेटीएम अपना पेमेंट्स बैंक बंद होने के बाद बड़े पैमाने पर छंटनी करने वाली है। हालांकि, पेटीएम ने लेऑफ (paytm layoff) से जुड़ी खबरों को निराधार बताते खारिज किया है।
पेटीएम ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि छंटनी की रिपोर्ट्स बेबुनियाद हैं और उनसे कंपनी की रणनीतिक योजना की सही झलक नहीं मिलती। पेटीएम ने दावा किया कि वह फिलहाल एनुअल अप्रैजल के प्रोसेस में लगा है, जिसका मकसद एंप्लॉयी के परफॉरमेंस को जांचना और उसके आधार पर उन्हें इंक्रीमेंट देना है। यह कहीं से भी छंटनी का संकेत नहीं है।
पेटीएम ने कहा कि वह परफॉरमेंस के आधार पर एडजस्टमेंट और रिस्ट्रक्चरिंग कर रही है, जिसे गलत तरीके से छंटनी का संकेत समझ लिया गया है। उसने यह भी कहा कि कंपनी अपनी वर्कफोर्स के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। उसका पूरा ध्यान देश में डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज की अगुआई करने पर है। वह इनोवेशन, कस्टमर सर्विस और टीम डेवलपमेंट के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।वहीं, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (बिजनेस) प्रवीण शर्मा के इस्तीफे पर पेटीएम ने बताया कि वह गूगल में नई संभावनाओं की तलाश में गए हैं। प्रवीण शर्मा पहले भी 9 साल तक गूगल में लीडरशिप पोजिशन पर काम कर चुके हैं।
पिछले दिनों NCPI ने एक्सिस बैंक, HDFC बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यस बैंक को पेटीएम के लिए पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर के तौर पर काम करने की मंजूरी दे दी। इससे पेटीएम और उसके कस्टमर को बड़ी राहत मिली। इसका असर कंपनी के शेयरों पर भी दिखा और उसमें अपर सर्किट भी लगे।पेटीएम का मालिकाना हक रखने वाली One 97 Communications Ltd का शेयर शुक्रवार को 1.79 प्रतिशत यानी 7.35 रुपये गिरकर 403.50 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, पिछले पांच दिनों में इसमें 3.67 प्रतिशत यानी 14.30 रुपये की तेजी आई है। 21 मार्च को तो पेटीएम का शेयर 428 रुपये तक पहुंच गया था, लेकिन फिर मुनाफावसूली के चलते इसमें गिरावट आई।