अम्बिकापुर: आषाढ़स्य प्रथम दिवसे के अवसर पर आयोजित रामगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को छत्तीसगढ़ शासन के पुरातत्व एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के मुख्य आतिथ्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सर्व प्रथम अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालयीन एवं आमंत्रित कलाकारों के द्वारा सरगुजिहा और छत्तीसगढ़ी गीत, संगीत एवं नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। पारंपरिक व आधुनिक गीत-संगीत से रामगढ़ झंकृत हो उठा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री भगत ने कहा कि रामगढ़ भगवान श्री राम के वनवास काल का एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा है। रामगढ़ की भूमि भगवान श्री राम के चरण धूलि से पवित्र है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राम वन गमन परिपथ के माध्यम से वनवास काल में प्रभु श्री राम जिन स्थलों से होकर गुजरे थे उन स्थलों को संरक्षित व विकसित करने का काम कर रही है। इस परिपथ के माध्यम से पूरे प्रदेश के ऐतिहासिक और धर्मिक स्थलों का ऐसा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है जिसे देख कर देश दुनिया के लोग श्री राम के चरणों मे शीश झुकायेंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से रामगढ़ महोत्सव का दोनों दिनों का आयोजन रामगढ़ में ही हो रहा है यह अच्छा निर्णय है। रामगढ़ की भव्यता दिनों दिन बढ़ती जाएगी।
छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने कहा कि रामगढ़ भगवान श्री राम के चरण कमल से पावन धरा है। इसको सहेजने और विकसित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। कार्यक्रम को बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह ने भी संबोधित किया । कलेक्टर संजीव कुमार झा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि रामगढ़ महोत्सव को इस बार बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।
शोध संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ निलिम्प त्रिपाठी ने कहा कि सरगुज़ा अंचल में फैले ऐतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों के संबंध में प्रामाणिक जानकारी के लिए डाटाबेस तैयार करना चाहिए। इसके साथ ही यहां कालिदास शोध अकादमी की स्थापना भी होनी चाहिए जिससे कि इस क्षेत्र के शोधार्थियों को नई पहचान मिले।
बड़ी संख्या में जुटे दर्शक-
महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। पूरा दर्शक दीर्घा खचाखच भरा हुआ था। पारंपरिक नर्तक दल करमा, शैला ने भी ग्रामीणों को खूब भाया।
शाम ढलते ही हुई झमाझम बारिश–
कार्यक्रम के सुरुआत में तेज धूप थी लेकिन शाम ढलते ही अचानक मौसम बदला और झमा-झम बारिश की बौछार ने आषाढ़ के प्रथम दिवस का स्वागत किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य राधा रवि, जनपद अध्यक्ष भोजवंती सिंह, उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा, पार्षद आलोक दुबे, दीपक मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, डीएफओ पंकज कमल, श्यामलाल जायसवाल, लक्ष्मी गुप्ता, इरफान सिद्दीकी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।