नई दिल्ली: गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है। याचिका में उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुए सभी 183 एनकाउंटरों की जांच की मांग की गई है।

वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि अतीक व उसके भाई की हत्या की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए। याचिका में कहा गया है कि ये पुलिस मुठभेड़ लोकतंत्र के लिए खतरा बनने के साथ ही कानून के राज के लिए भी खतरनाक हैं।

माफिया अतीक अहमद की शनिवार को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या के करीब दो हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान उसकी सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में अतीक ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी थी। याचिका में कहा गया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में झूठे आरोप में फंसाया गया है।

मालूम हो कि कोर्ट ने 28 मार्च को अतीक की सुरक्षा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जब उसे गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जा चुका है तो अब शीर्ष कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई का कोई मामला नहीं बचता। अदालत ने कहा था कि चूंकि वह न्यायिक हिरासत में है तो ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार उसकी सुरक्षा का ध्यान रखेगी।जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा था कि सुरक्षा या किसी और बात के लिए उसे उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिए।

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