सूरजपुर: शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में एक युद्ध नशे के विरूद्ध नशा मुक्ति अभियान हेतु जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न संस्थानों में आयोजित किये जा रहे है, जिसमे ग्लोबल पब्लिक स्कूल, शा.उ.मा. विद्यालय सूरजपुर एवं साधुराम विद्या मंदिर में आयोजित किया गया। साथ ही बच्चों को सम्बोधित करते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया कि नशा व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देता है, नसेड़ी व्यक्ति का समाज मे प्रतिष्ठा भी समाप्त होने के साथ वह आर्थिक रूप से भी कमजोर हो जाता है। नशा के कारण घर कि स्थिति भी कमजोर हो जाती है। आज कल बच्चे भी शौक के कारण या अपना स्टेटस मेन्टेन करने के कारण या दोस्ती में नशे के चंगुल मे पड़ रहे हैं। बच्चों को नशे से दूर रहने आवश्यकता है क्योंकि बच्चा एक बार नशा करता है फिर बार बार करने लगता है, जिससे निकल पाना उसके लिए परेशानी हो जाती है। इसलिए बच्चों को नशे से दूर रहना चाहिए। बच्चों को नशे में लगाने या उनसे नशा के परिवहन कराने, बच्चों को नशा कराने में किशोर न्याय अधिनियम कि धारा 77 और 78 के तहत अपराध पंजीबद्ध होगा और उसमें एक लाख रूपये जुर्माना एवं दो साल के सजा का प्रावधान है।

पुलिस अधीक्षक नंदनी ठाकुर ने नशा से होने वाले अपराध के संबंध मे बच्चों को जानकारी दी। उन्होने कहा कि नशा कर वाहन चलाना अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही नशा कर गाड़ी चलाने से ज्यादातर एक्सीडेन्ट हो रहे है। साथ ही लोग नशे की आदत के शिकार रहे है, और पैसे नही होने के कारण चारी, डकैती जैसे अपराध हो रहें है। इसलिए माता-पिता को भी समझाना पड़ेगा कि वो नशा ना करे।

कार्यक्रम मे संरक्षण अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने बालको को किशोर न्याय अधिनियम बाल विवाह, बाल श्रम के संबंध में जानकारी दी उन्होंने बच्चों को 1098 टोलफी नम्बर का इस्तेमाल करने एवं बच्चो कि सूरक्षा हेतु प्रेरित किया। चाईल्ड लाईन के समन्वयक कार्तिक मजूमदार ने बच्चो को चाईल्ड लाईन के कामों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि यह नम्बर 7 दिन एवं 24 घंटे चालू रहते है। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रियंका सिंह, वरूण हरगोविन्द पवन धीवर, गोविंदा रमेश साहू, शोभनाथ राजवाड़े उपस्थित रहे।

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