सूरजपुर: विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता प्रभावशील हो जायेगी। ऐसी स्थिति में निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के तहत् कार्यवाही किये जाने हेतु जिले में स्थित सर्व बैंक प्रबंधकों के साथ कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उपस्थित बैंक प्रबंधकों को इलेक्शन सीज़र्स मैनेजमेंट एप्लीकेशन के बारे में सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही कलेक्टर ने निर्वाचन के दौरान संदेहजनक लेनदेन की स्थिति में बैंकों द्वारा आदान प्रदान करने वाली सूचनाओं के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया की शुद्धता को बनाए रखने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंकों से किए गए संदेहजनक लेन-देन के सम्बन्ध में सूचना मांग सकते हैं। जिनमें पिछले दो महीने में जमा या निकासी का कोई उदाहरण हुए बिना निर्वाचन के दौरान 1 लाख रुपये से अधिक की असामान्य एवं संदेहजनक राशि की निकासी या बैंक खाते में डाला जाना, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिले/निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे अंतरण का कोई पूर्व उदाहरण हुए बिना आर.टी.जी.एस. के माध्यम से एक बैंक खाते में विभिन्न व्यक्तियों या बैंक खाते राशि का अंतरण, अभ्यर्थियों या उनकी पत्नी या उनके आश्रितों, जैसा कि अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल किये गये शपथ-पत्र में उल्लेखित है और जो मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट में उपलब्ध है, के बैंक खाते में 1 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि जमा करना या निकालना, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दल के खाते से लाख रुपये से अधिक की नकद राशि की निकासी या जमा करना व अन्य कोई संदेह जनक नकद लेनदेन की सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रक्रियाबध्द की जाएगी तथा जहां भी संदेह हो कि नकद राशि का प्रयोग निर्वाचकों के रिश्वत देने के लिए किया जा सकता है, तो फ्लाइंग स्क्वॉड को पूरी जांच के पश्चात आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा जा सकता है।


बैठक में अपर कलेक्टर नयनतारा सिंह तोमर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका वर्मा, संयुक्त कलेक्टर नरेंद्र पैकरा व अन्य अधिकारीगण का उपस्थित थे।

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