बलरामपुर: पहले गांवों में बैंक के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगना आम बात थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। बीसी सखी के सपनों ने उड़ान क्या भरी, बैंकिग अब आसान हो गई। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहान योजना अंतर्गत बीसी सखी के माध्यम से आज दूरस्थ अंचलों के गांवों में घर-घर बैंक पहुंच रहा है। बैंक सखियों ने बैंकिंग की जटिलताओं को दूर करते हुए परिभाषा ही बदल दी है।

जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेना जमील के मार्गदर्शन में आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह की कुल 126 बैंक सखी कार्यरत हैं तथा अभी तक 2 बैच में 174 बीसी सखियों को प्रशिक्षित किया गया है। हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित डिजीटल मड़ई में जिले की बीसी सखी संगीता खलखो को वर्ष 2023 में सर्वाधिक लेन-देन करने पर राज्यस्तरीय सम्मान से नवाजा गया।


बैंक सखी के माध्यम से वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की वित्तीय सेवाओं में अनेक परिवर्तन हुए हैं, ग्रामीण लोगों की बैंकिंग आदतों एवं उनके द्वारा वित्तीय लेनदेन में तेजी आई है़, साथ ही बीसी सखी अब सिर्फ जमा-निकासी के स्त्रोत न होते हुए आधार, केवाइसी, बीमा, पेंशन जैसे अनेक कार्य कर रही हैं। मनरेगा, छात्रवृति, पेंशन, किसान सम्मान निधि आदि में पारदर्शिता दिखाते हुए सीधे लाभार्थी के खाते में धनराशि, हस्तांतरित कर रही हैं, इससे लोगों के धन निकासी एवं हस्तांतरण कार्य में बढ़ोत्तरी तथा सुगमता आई है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनआरएलएम सिमेन्द्र सिंह ने बताया कि सामान्य जनमानस तक वित्तीय सेवाओं को विस्तार प्रदान करने एवं बैंकिग सेवाओं को हर व्यक्ति के दरवाजे तक सुगम एवं सुरक्षित तरीके से पहुंचाने में बीसी सखियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस कार्य हेतु ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से बीसी सखियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण जनता को घर बैठे बैंकिग की सुविधा मिलेगी तथा समूह की महिलाओं को भी रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।

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