नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों के कामकाजों पर नजर रखती है. जब भी कोई बैंक आरबीआई के नियमों को अनदेखा कर अपनी मनमानी करता है तो केंद्रीय बैंक उस पर जुर्माना लगा सकता है. इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को विभिन्न नियामकीय मानदंडों के उल्लंघन को लेकर सिटी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) पर कुल 10.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना से संबंधित मानदंडों और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर आचार संहिता का पालन नहीं करने के लिए सिटीबैंक एनए पर सबसे अधिक 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.एक अन्य बयान में कहा गया है कि कर्ज को लेकर ‘सेंट्रल रिपोजिटरी’ के गठन और अन्य मामलों से जुड़े कुछ निर्देशों के उल्लंघन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा पर 4.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.इसके अलावा, चेन्नई स्थित पब्लिक सेक्टर के इंडियन ओवरसीज बैंक पर कर्ज संबंधित निर्देशों के उल्लंघन के लिए एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. रिजर्व बैंक ने तीनों मामलों के बारे में कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में हुई कमियों पर आधारित है. इसका मकसद बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.
केंद्रीय बैंक के नियम के मुताबिक, जिस बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है, उसका पेमेंट उसी बैंक को ही करना होता है. उसमें अकाउंट खुलवाने वाले लोगों को ये रकम नहीं देनी होती है.