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कोरिया: कोरिया वनमंडल के सोनहत वनपरिक्षेत्र में 8 नवंबर को एक नर बाघ का शव मिलने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। बाघ की मौत के मामले में कार्रवाई करते हुए, सीसीएफ ने गरनई बीटगार्ड रमन प्रताप सिंह और रामगढ़ सर्किल के डिप्टी रेंजर पीतांबर लाल राजवाड़े को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, सोनहत रेंजर विनय कुमार पैंकरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

इस घटना के बाद से वन विभाग के अधिकारियों में बाघ की मौत के कारणों और कार्यवाही को लेकर चिंता व्याप्त है। प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत की संभावना जहरखुरानी से जताई गई है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, बाघ की मौत के बाद गोमार्डा डॉग स्क्वायड, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमंडल की 4 टीमों ने रामगढ़ क्षेत्र के जंगलों में जांच तेज कर दी है। टीम पगमार्क के आधार पर बाघ के मूवमेंट का पता लगा रही है। वन मुख्यालय रायपुर के आला अधिकारियों की नजर भी इस मामले पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि बाघ का शव 8 नवंबर को दोपहर 1 बजे ग्रामीणों के माध्यम से वन रक्षक गरनई को सूचना मिलने पर बरामद हुआ था। शव ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे स्थित असीमांकित ऑरेंज एरिया में पाया गया था, जहां वन विभाग की निगरानी की कमी पर सवाल उठने लगे हैं। बाघ की मौत के बाद वन विभाग में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, और अब अधिकारियों का फील्ड में आना-जाना बढ़ गया है। सोनहत ब्लॉक के जंगलों में बाघ मूवमेंट और सैंपल कलेक्शन के लिए अब अधिक सक्रियता देखने को मिल रही है।

फिलहाल, बाघ की मौत की वजह की गहन जांच जारी है और इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई से वन क्षेत्र में सख्ती का माहौल बन गया है।

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