
जशपुर: जशपुर पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात गांजा तस्कर हीराधर यादव की 1.38 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति फ्रीज कर दी है। यह कार्रवाई पहली बार स्मगलर एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनिपुलेटर्स एक्ट (SAFEMA) के तहत की गई है।
एसएसपी शशि मोहन ने बताया कि हल्दीझरिया, थाना बागबहार निवासी हीराधर यादव लंबे समय से उड़ीसा से गांजा लाकर छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में तस्करी कर रहा था। जशपुर पुलिस ने उसे 27 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ पहले से ही सीतापुर और जशपुर में कुल तीन आपराधिक मामले दर्ज थे।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
बीते साल 2 जून 2024 को कोतबा चौकी पुलिस ने गांजा तस्करी की सूचना मिलने पर पीठाआमा चौक के पास नाकेबंदी की थी। इस दौरान तस्कर अंधेरे और बारिश का फायदा उठाकर भाग गए, लेकिन एक 16 वर्षीय बालक पकड़ा गया। उसके पास से 27 किलोग्राम गांजा (कीमत 2.7 लाख रुपये) बरामद हुआ। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि यह गांजा हीराधर यादव का था। इसके बाद पुलिस ने 26 अगस्त 2024 को हीराधर यादव और 10 अक्टूबर 2024 को उसके साथी महेश यादव को गिरफ्तार कर लिया।जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि हीराधर यादव और उसके परिवार के बैंक खातों में तीन साल के भीतर 1.50 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा की गई थी। इस अवैध कमाई से उसने पांच वाहन (दो कार, दो मोटरसाइकिल, एक ट्रैक्टर) और दो मंजिला मकान खरीदा था।

आईजी सरगुजा रेंज अंकित गर्ग और एसएसपी शशि सिंह के निर्देशन में पुलिस ने आयकर विभाग, बैंक, डाकघर, बीमा कंपनियों और राजस्व विभाग से जानकारी जुटाई। इसके बाद साफेमा (SAFEMA) मुंबई कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई। जांच में यह साबित हुआ कि हीराधर यादव की संपत्ति अवैध तस्करी से अर्जित की गई थी। कोर्ट ने जशपुर पुलिस की रिपोर्ट को सही ठहराते हुए उसके मकान (कीमत 1.01 करोड़ रुपये) और पांच वाहनों (कीमत 37.35 लाख रुपये) को फ्रीज करने की अनुमति दे दी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि – एसडीओपी पत्थलगांव ध्रुवेश कुमार जायसवाल द्वारा इसकी संपत्ति का विवरण प्राप्त कर सफेमा मुंबई कोर्ट में अत्यंत प्रोफेशनल तरीके से प्रस्तुत करने पर जशपुर जिले से प्रथम बार ऐसी कार्यवाही हुई है। जिले के अभ्यासतः अवैध नशा तस्करी के आरोपियों के विरूद्ध लगातार इस प्रकार की कार्यवाही की जायेगी।




















