रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्तों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने के पॉंच प्रकरणों में तीन जनसूचना अधिकारी पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपए का अर्थदंड और दो जनसूचना अधिकारी को 10-10 हजार रूपए का अर्थदंड अधिरोपित करने आदेश पारित किया है और अर्थदंड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल मन्तव्य यह है कि लोकतांत्रिक शासन में सरकार और सरकारी मशीनरी जनता के प्रति जबाबदेह हो तथा सरकारी मशीनरी के क्रियान्वयन में पारदर्शिता हो। इस अधिनियम के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की गई है जिसके अंतर्गत कोई भी नागरिक लोक प्राधिकारी के कार्यकलापों के संबंध में सूचना प्राप्त कर सके। यदि लोक सूचना अधिकारी द्वारा संबंधित को समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो ऐसे अधिकारियों को, राज्य सरकार द्वारा गठित राज्य सूचना आयोग द्वारा दण्डित किया जा सकता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत रामकृष्ण पाण्डे न्यूचंगोराभाठा रायपुर ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी जोन क्रमांक 5 नगर पालिक निगम रायपुर नयू चंगोराभाठा में कर्मा चौक के पास से रोड दुरूस्त किए जाने संबंधी मेयर को शिकायती लिखे पत्र, मेयर की लिखित टीप पर की गई कार्यवाही की जानकारी के लिए आवेदन किया। आवेदक के आवेदन पर तत्कालीन जनसूचना अधिकारी जोन क्रमांक 5 श्री हेमंत शर्मा ने कोई कार्यवाही नहीं की और 30 दिवस की समय सीमा में आवेदक को कोई जवाब भी नहीं दिया।
राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी जोन क्रमांक 5 हेमंत शर्मा वर्तमान पदस्थापना कार्यपालन अभियंता उद्यानिकी विभाग को सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत कारण बताओं नोटिस जारी किया, किन्तु आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए और न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया। राज्य सूचना आयुक्त अग्रवाल ने इसे आयोग के निर्देश की अवहेलना मानते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करने का आदेश पारित किया है और अर्थदंड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। एक अन्य प्रकरण में संतोष देवांगन अधिवक्ता पण्डरीतराई रायपुर ने थाना बेरला में रामानंद चौहान ग्राम बहेरा के विरूद्ध गिरफ्तारी की तामिली के संबंध में जानकारी मांगा। आवेदक को जानकारी नहीं मिलने पर अंतिम में आयेग के पास शिकायत किया। आयोग ने आवेदक के आवेदन की सम्यक परीक्षण कर सुनवाइ्र का अवसर प्रदान किया किया किन्तु तत्कालीन जनसूचना अधिकारी थाना अजाक जिला बेमेतरा(निरीक्षक) अजय सिंह बैस आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए और आयोग को अपना पक्ष रखने के लिए कोई जवाब भी नहीं दिया। राज्य सूचना आयुक्त अग्रवाल ने अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 10 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करने का आदेश पारित किया है। इसी प्रकार एक अन्य प्रक्ररण में आवेदक राकेश बाफना बल्लभनगर रायपुर पुलिस मुख्यालय के योजना प्रबंध विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में यातायात सामग्री क्रय आदेश और छुट की छायाप्रति की मांग की थी। आवेदक को जनसूचना अधिकारी ने दस्तावेजों के अवलोकन कराने पत्र जारी किया, किन्तु जनसूचना अधिकारी ने अपरिहार्य कारणों से आवेदक को दस्तावेजों को अवलोकन नहीं कराया। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 50 पृष्ट की जानकारी निःशुल्क उपलब्ध कराने निर्देश दिया। आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण आवेदक ने द्वितीय अपील आयेग में प्रस्तुत किया। आयोग द्वारा जारी सूचना पत्र का जवाब सही और समाधान कारक नहीं पाये जाने पर और सूचना का अधिकार अधिनियम की गलत व्याख्या किए जाने एवं समयावधि में जानकारी नहीं देने के कारण जनसूचना अधिकारी सुश्री उषा नेताम उप पुलिस अधीक्षक वर्तमान पदस्थापना पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर को राज्य सूचना आयुक्त् श्री अग्रवाल ने अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 10 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करने का आदेश पारित किये हैं।
इसी प्रकार राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी को यशपाल शर्मा गांधी नगर के पास अंबिकापुर ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी/सचिव ग्राम पंचायत मरकाडांड, जनपद पंचायत राजपुर के विरूद्ध द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/3549/2014 के आदेश का पालन कराने संबंधी शिकायत किया। आवेदक की शिकायत सही पाये जाने और आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं होने एवं आयोग को कोई जवाब प्रस्तुत नहीं करने के कारण बार-बार अवसर देने पर भी आयेग के आदेश की अवहेलना के कारण राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अपीलार्थी को 500 रूपए क्षतिपूर्ति रिश देने का आदेश पारित किया है। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बलरामपुर को अर्थदंड की राशि की वसूली संबंधित जनसूचना अधिकारी से कर शासकीय कोष में जमा कराने निर्देश दिये हैं।
एक अन्य प्रक्रमण में शिकायतकर्ता नवलसिंह ठाकुर तिलकनगर बिलासपुर ने आयोग के समक्ष शिकायत की कि जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत कोसमडीह, जनपद पंचायत मस्तुरी से केन्द्र और राज्यसरकार से प्राप्त सभी मदों की आबंटित राशि और व्यय की जानकारी केश व्हाउचर, चेकबुक और रजिस्टर की छायाप्रति की मांग की थी। तत्कालीन सचिव में आवेदक को समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराया, जिससे असंतुष्ट होकर आवेदक ने आयोग का शिकायत की। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत ने आवेदन और उनके साथ सहपत्रों को बारीकी से परीक्षण के साथ ही आवेदक के प्रश्न और तत्कालीन जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत कोसमडीह नंदेश करियारे, जनपद पंचायत मस्तुरी के द्वारा मूल आवेद का समय सीमा में निराकरण नहीं करने, आवेदक को जानकारी से वंचित रखने और आयेग के नाटिस का जवाब नहीं देने के कारण अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मस्तुरी को अर्थदंड की राशि की वसूली संबंधित जनसूचना अधिकारी से कर शासकीय कोष में जमा कराने निर्देश दिये हैं।