डेस्क: इंसानी शरीर में छोटी से छोटी चीज की भी बड़ी आवश्यकता होती है।आप प्रकृति द्वारा बनाई गई शरीर की किसी भी संरचना को निर्थक नहीं ठहरा सकते। यहां तक कि सूंघने की शक्ति का भी अहम काम है। जुकाम हो जाने पर इसका ज्यादा महत्व पता चलता है जब खाने-पीने की पसंदीदा चीजों की महक ही नहीं आती है। कोरोना संक्रमित मरीजों में भी महक चले जाना एक प्रमुख लक्षण है।मगर इंग्लैंड की एक महिला जन्म से ही नहीं सूंघ पाती थी।
लंदन की रहने वाली 25 वर्षीय नैन्सी सिंप्सन ने जिंदगी भर इस बात का अफसोस किया कि वो किसी भी चीज को सूंघ नहीं पाती हैं।नैन्सी को जन्म से ही सूंघने की शक्ति नहीं थी। फूल, खाना, पर्फ्यूम जैसी किसी भी चीज की महक का उन्हें कोई अंदाजा नहीं था। मगर कोरोना वायरस ने उनके ऊपर सकारात्मक प्रभाव डाला।
कोरोना से ठीक होने के बाद लौट आई सूंघने की शक्ति
नैन्सी दिसंबर 2021 में क्रिसमस के दौरान कोरोना संक्रमित हो गई थीं।उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया था और उससे बाकी लोगों की तरह जूझ रही थीं। जैसे-जैसे उनकी तबीयत सुधरी, वैसे ही एक दिन उन्होंने गौर किया कि उन्हें हर चीज की महक आने लगी।
उन्होंने कहा कि लोगों के लिए शायद से मामूली चीज होगी मगर उनके लिए बहुत बड़ी बात है। 25 सालों तक उन्हें किसी चीज की महक नहीं आई थी।अब जब उनकी सूंघने की शक्ति आ गई है तो वो अपने घरों को फूलों से सजाकर रखती हैं। वो रोज ढेर सारा पर्फ्यूम भी लगाती हैं।पहले वो सैलमन नहीं खाया करती थीं मगर उसको महकने के बाद वो सैलमन भी खाना शुरू कर चुकी हैं।यही नहीं, अब उन्हें फलों और मोमबत्तियों की खूशबू को सूंघना बहुत पसंद है।कई बार तो वो बदबूदार चीजों को भी महक लेती हैं क्योंकि वो इस बात से बेहद खुश हैं कि उनकी महकने की शक्ति आ गई है।