रायपुर। कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले को देशव्यापी मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है। इस बीच भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में क्रमश: 35 व 29 प्रतिशत ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट देकर कांग्रेस के इस मुद्दे की हवा निकाल दी है।
पार्टी ने छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 85 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इसमें ओबीसी वर्ग से 31 प्रत्याशी मैदान में हैं, जो कि कुल सीट का 35 प्रतिशत है। पिछली बार भाजपा से करीब 25 प्रतिशत ओबीसी प्रत्याशी मैदान में थे। हालांकि अभी पांच सामान्य सीटों पर टिकट वितरण करना बाकी है।मध्यप्रदेश में भी 230 विधानसभा सीटों में से जारी 136 प्रत्याशियों में ओबीसी वर्ग से 40 प्रत्याशी मैदान में हैं, जो कि कुल जारी सीट का 29 प्रतिशत है। कांग्रेस ने अभी तक दोनों राज्यों में एक भी प्रत्याशी की सूची जारी नहीं की है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओबीसी के लिए मौजूदा 14 प्रतिशत आरक्षण को 27 प्रतिशत करने का आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कराया है। इसमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग को चार प्रतिशत के साथ कुल 76 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है। यह विधेयक राजभवन में लंबित है।
मध्यप्रदेश में भी 2018 में बनी कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओबीसी को दिए जा रहे 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था।तब से ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। हालांकि यहां भी मामला कोर्ट में लंबित है।ओबीसी आरक्षण के साथ अब कांग्रेस बिहार में हुई जातिगत जनगणना को चुनावी मंचों में हवा देती नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने छत्तीसगढ़ में भी जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा-लोकसभा में ओबीसी वर्ग से 22 विधायक और पांच लोकसभा सदस्य हैं। प्रदेश की 90 विधानसभा में सामान्य वर्ग के लिए 51 सीट, एससी के लिए 10 सीट और एसटी के लिए 29 सीट आरक्षित है। ओबीसी वर्ग का दावा है कि उनकी आबादी प्रदेश में 52 प्रतिशत है। जबकि क्वांटिफाइबल डाटा आयोग का दावा है कि इस वर्ग के लोग 40 से 42 प्रतिशत तक हैं।