सूरजपुर: मनरेगा कर्मचारियों द्वारा अपनी दो सूत्री मांग को लेकर 04 अप्रैल 2022 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। आज 12000 से अधिक मनरेगा कर्मचारियों ने आंदोलन के 62 वे दिन में महारैली का आयोजन कर 28 जिले के अधिकारी–कर्मचारियों द्वारा सामूहिक त्यागपत्र सौप दिया है। अपने 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति से क्रोधित कर्मचारियों ने यह कदम उठाकर छत्तीसगढ़ के इतिहास में काला दिन लिख दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है चुंकि यह पहला मामला होगा कि किसी भी कर्मचारी संगठन ने इससे पहले इतना बड़ा कदम उठाया हो। बर्खास्तगी आदेश को संवैधानिक अधिकारों का हनन करार देते हुए आदेश की प्रतियां जलाई। रैली में 8000 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी एवं कार्यकारी अध्यक्ष राधेश्याम कुर्रे ने बताया कि सहायक परियोजना अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश की महासंघ घोर निंदा करता है और इसे तत्काल निरस्त नहीं करने के कारण सामूहिक इस्तीफा का कदम उठाया गया। कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था, कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी यह वादा की थी किंतु इसके विपरीत कड़ा दंडात्मक कार्रवाई की गई है।

हमारी दो सूत्रीय मांग चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगाकर्मियों का नियमितीकरण किया जावे एवं नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांग है।

महा संघ के प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी है मैं फर्क है यह कर्मचारी जगत के लिए संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वाला आदेश है हम समस्त कर्मचारी जगत से इसका विरोध में सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए अपील करते हैं,यह आंदोलन बिना लक्ष्य पूर्ति के समाप्त नहीं होने वाला है।

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