बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग एनएच 343 गेउर हरीतिमा के पास 32 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने धरना प्रदर्शन कर 40 मिनट तक चक्का जाम कर आमसभा किया। सड़क के दोनों साइड वाहनों की लम्बी कतारे लगी रही। एसडीएम शशि चौधरी,एसडीओपी रितेश चौधरी व थाना प्रभारी अखिलेश सिंह के आश्वासन पर चक्का जाम समाप्त हुआ। चक्का जाम को देखते हुए थाना प्रभारी अखिलेश सिंह ने करीब 100 पुलिस की ड्यूटी लगाई थी।
आमसभा के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण सहित अन्य संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए चक्काजाम किया गया है। विगत दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नाकामी के चलते आदिवासियों का 32 प्रतिशत आरक्षण छीनकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां किसी समुदाय से उनका आरक्षण छीना गया हो। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के हितों पर लगातार कैंची चला रही है। इसके कुछ ही दिन बाद बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर में तीसरी और चौथी श्रेणी की नौकरियों में जो स्थानीय आरक्षण डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2012 से देना प्रारंभ किया था उसे भी छीनने का आदेश इस भूपेश सरकार ने जारी कर दिया है। उन्होंने ने कहा कि इससे पूर्व जनजाति वर्ग के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण के अधिकार को भी भूपेश बघेल सरकार ने समाप्त कर दिया है।
भूपेश बघेल सरकार ने एक के बाद एक आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को छीनने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में गेउर हरीतिमा के पास चक्का जाम किया गया है। फिर भी सरकार संवैधानिक अधिकारों पर ठोस उपाय नहीं करती है तो पूरे प्रदेश भर में चक्काजाम किया जाएगा। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी, गांव के महिलाएं, पुरुष उपस्थित थे।
सर्व आदिवासी समाज ने कांग्रेस सरकार की नाकामी बता रही
आपको बता दें हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को रद्द किया है। प्रदेश में अब तक कुल 58 प्रतिशत आरक्षण लागू था इसमें एसटी 32, एससी 12 और ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण था। हाईकोर्ट के आदेश का बड़ा असर हुआ है। एसटी वर्ग का आरक्षण 32 से घटकर 20 प्रतिशत रह गया है। सर्व आदिवासी समाज ने कांग्रेस सरकार की नाकामी बता रही है।