नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रक्षा मंत्रालय के प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (PCDA) के कार्यालय में तैनात एक वरिष्ठ ऑडिटर और साथ में दो निजी लोगों को 8 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों निजी लोग एक प्राइवेट डिफेंस सप्लायर और उसके कर्मचारी हैं।

शिकायतकर्ता डिफेंस सप्लायर की शिकायत पर सीबीआई ने 7 फरवरी को इस मामले को लेकर केस दर्ज किया था। अपनी शिकायत में डिफेंस सप्लायर ने यह आरोप लगाया था कि, उसके पहले से मंजूर हो चुके बिलों के भुगतान के लिए रक्षा मंत्रालय के पीसीडीए कार्यालय में तैनात वरिष्ठ ऑडिटर और इक प्राइवेट डिफेंस सप्लायर ने उससे 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि, रिश्वत मांगने वाले आरोपी ऑडिटर ने धमकी देते हुए ये कहा था कि, अगर रिश्वत नहीं मिली तो उसके भविष्य के बिलों के भुगतान को अटका दिया जाएगा। फिर आरोपी ऑडिटर ने 10 लाख में से 8 लाख रुपये रिश्वत की पहली किस्त एक प्राइवेट डिफेंस सप्लायर के कर्मचारी को देने को कहा।शिकायतकर्ता ने इस लेन-देन की जानकारी सीबीआई को दी और फिर जांच एजेंसी ने जाल बिछाया और आरोपी कर्मचारी को 8 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।

आरोपी से पूछताछ के बाद प्राइवेट कंपनी के मालिक को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। फिर सीबीआई ने रक्षा मंत्रालय के पीसीडीए कार्यालय में तैनात वरिष्ठ ऑडिटर को भी गिरफ्तार कर लिया।अब जांच एजेंसी इस मामले को लेकर गहनता से जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने में जुटी है कि, इस भ्रष्टाचार में और कौन-कौन लिप्त है। रक्षा क्षेत्र में इस तरह की रिश्वतखोरी से जुड़ा यह मामला एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस मामले में सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट डिफेंस सप्लायर की मिलीभगत होना काफी बड़ी बात कही जा रही है।

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